2017 में तेजी से बदलाव की ओर बढ़ेगा इंश्योरेंस उद्योग
म हमेशा अपनी और अपने परिवार की वित्तीय सुरक्षा के प्रति आश्वस्त रहना चाहते हैं। बीमा उद्योग हमारी इन्हीं जरूरतों पर आधारित है।
यशीश दहिया
सह संस्थापक व सीईओ पॉलिसीबाजार डॉट कॉम
जीवन बदलता है उसी तरह हमारी प्राथमिकताएं भी। लेकिन एक चीज जो कभी नहीं बदलती है वह है हमारी वित्तीय सुरक्षा की जरूरत। हम हमेशा अपनी और अपने परिवार की वित्तीय सुरक्षा के प्रति आश्वस्त रहना चाहते हैं। बीमा उद्योग हमारी इन्हीं जरूरतों पर आधारित है। जैसा कि सभी उद्योगों के साथ है जीवन बीमा उद्योग भी आने वाले वर्ष में कई महत्वपूर्ण बदलावों की उम्मीद कर रहा है। चालू वित्त वर्ष के प्रदर्शन को देखते हुए मुझे लगता है कि साल 2017 में निम्न चार बड़े बदलाव इस उद्योग में होंगे।
यूलिप उत्पादों में बढ़ेगा रुझान साल 2010 में बीमा नियामक इरडा की तरफ से लाए गए नए नियमों के बाद बीमा उद्योग में यूलिप उत्पादों को लेकर निवेशकों में फिर से आकर्षण बढ़ रहा है। पिछले पांच साल में यूलिप के मिड कैप इक्विटी फंड में निवेश पर 15-19 फीसद रिटर्न मिला है। रिटर्न की इस दर ने निवेशकों के भरोसे को फिर से कायम करने का काम किया है। यहां तक कि कम जोखिम उठाने वाले निवेशक भी म्यूचुअल फंड के जरिये यूलिप की तरफ जाने लगे हैं। म्यूचुअल फंड के ये उत्पाद डेट फंड में निवेश में करते हैं और जीवन बीमा और कर छूट का लाभ भी मिलता है। यूलिप के बढ़ते आकर्षण को इस बात से भी समझा जा सकता है कि सरकारी और निजी कंपनियों की तरफ से यूलिप उत्पादों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। एलआइसी भी जो केवल परंपरागत बीमा उत्पाद बेचती थी वह भी यूनिट लिंक्ड प्लान बेचने लगी है। इसलिए स्पष्ट है कि साल 2017 में यूलिप उत्पादों की लोकप्रियता निवेशकों में बढ़ेगी।
ग्राहकों को रोके रखने पर जोर आज के डिजिटल युग ने ग्राहक की मानसिकता को पूरी तरह बदल दिया है। अब ग्राहक बीमा उत्पाद खरीदने से पहले उसकी तुलना अन्य कंपनियों के उत्पादों से ऑनलाइन कर सकता है। यहां तक कि इसके लिए उसे एजेंटों की भी आवश्यकता नहीं है। डिजिटल क्रांति के बाद ग्राहक की अपेक्षाएं भी काफी बढ़ी हैं। इससे कंपनियों के समक्ष बेहतर ग्राहक अनुभव देने की चुनौती बढ़ी है। इसलिए नए ग्राहक को आकर्षित करने की लागत पुराने को बनाए रखने की लागत से चार गुना अधिक है। इसलिए अब कंपनियों का पूरा ध्यान पुराने ग्राहकों को अपने साथ बनाए रखने पर है। आने वाले वर्ष में भी कंपनियों का फोकस इसी विषय पर रहने वाला है।
वित्तीय सुरक्षा के लिए जीवन बीमा भारत में हमेशा से जीवन बीमा उत्पादों को कर बचाने के औजार के तौर पर देखा गया है। यह सत्य है कि जीवन बीमा उत्पाद टैक्स बचत का एक बेहतरीन उदाहरण है। लेकिन इसमें कई ऐसे अन्य लाभ भी हैं जिनके बारे में ज्यादातर लोग जानते ही नहीं हैं। हालांकि इस अवधारणा में अब बदलाव आ रहा है। डिजिटल दौर आने के बाद बीमा के प्रति जागरूकता भी बढ़ी है। मध्य आयवर्गीय परिवारों में भी अब बीमा को लेकर जागरूकता बढ़ी है। इंश्योरेंस उत्पादों की तुलना कराने वाली कंपनियों की वेबसाइटों पर आने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इतना ही नहीं कंपनियों के कस्टमर केयर अधिकारियों से लोग उत्पादों की खूबियों के बारे में पूछने लगे हैं। इससे स्पष्ट है कि आने वाले वर्ष में ग्राहकों की अपेक्षा और बढ़ेंगी और कंपनियों को इस चुनौती के लिए तैयार रहना होगा।
सौ वर्ष का टर्म प्लान कौन नहीं चाहता कि उसके पूरे जीवन का बीमा हो जाए। किसी भी टर्म प्लान के तहत मेच्योरिटी की अधिकतम आयु 80 वर्ष होती है। टर्म इंश्योरेंस के वर्ग में पिछले एक दशक में सबसे ज्यादा इनोवेशन हुआ है। इसलिए बहुत ज्यादा हैरानी नहीं होगी अगर साल 2017 में ऐसा कोई टर्म प्लान आए जिसमें कवरेज की अधिकतम सीमा 100 वर्ष की हो। इन सबके अलावा उत्पादों में प्रौद्योगिकीय विकास के मामले में जीवन बीमा उद्योग में आने वाले साल में व्यापक बदलाव आने की उम्मीद है। नोटबंदी के हाल के फैसले के बाद अब पूरा दारोमदार डिजिटल पर है और आने वाले साल में इसमें तेज वृद्धि होगी।