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असंगठित एफएमईजी क्षेत्र को व्यवस्थित करेगा जीएसटी

जीएसटी ने देश की कराधान की प्रणाली को सरल कर दिया है

By Praveen DwivediEdited By: Published: Sat, 15 Jul 2017 12:58 PM (IST)Updated: Sat, 15 Jul 2017 12:58 PM (IST)
असंगठित एफएमईजी क्षेत्र को व्यवस्थित करेगा जीएसटी
असंगठित एफएमईजी क्षेत्र को व्यवस्थित करेगा जीएसटी

नई दिल्ली। एक जुलाई से देश के ‘सबसे महत्वपूर्ण कर सुधार’ को लागू कर दिया गया है। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) ने कराधान की प्रणाली को सरल कर दिया है। इसने सारे अप्रत्यक्ष करों को एक टैक्स में बदल कर देश को एकीकृत बाजार में बदल दिया है। भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार को तेज करने के लिए जीएसटी में बहुत बड़ी संभावनाएं मौजूद हैं। इससे कर अनुपालन और लेनदेन की लागत कम हो जाने से कारोबार करने में आसानी होगी। जीएसटी परिचालन संबंधी अड़चनों को दूर करेगा। कर आधार को बढ़ाएगा। कर चोरी के मामलों को घटाएगा।

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भारतीय फास्ट मूविंग इलेक्टिकल गुड्स यानी एफएमईजी क्षेत्र जीएसटी के सबसे बड़े लाभार्थियों में से होगा। इसे परंपरागत रूप से असंगठित क्षेत्र की मौजूदगी से परेशानी उठानी पड़ी है। अभी एफएमईजी क्षेत्र का 30 से 40 प्रतिशत असंगठित क्षेत्र के पास है। नई जीएसटी कर प्रणाली एफएमईजी सेक्टर की वृद्धि एवं विकास के लिए अनगिनत अवसर उपलब्ध कराएगी। पहला, इसके लागू होने से असंगठित क्षेत्र कर के दायरे में आ जाएगा। उनके पास टैक्स से बचने की गुंजाइश काफी कम रह जाएगी। दूसरा, जीएसटी संगठित और असंगठित क्षेत्र के उत्पादों की कीमतों के अंतर को कम करेगा। नतीजतन ग्राहक ज्यादा तादाद में ब्रांडेड उत्पादों का रुख करेंगे।

असंगठित क्षेत्र को नियमित करने के अलावा जीएसटी सभी राज्यों में माल की निर्बाध और तेजी से आवाजाही को सुनिश्चित करेगा। कंपनियों की परिचालन व गैर-परिचालन खंडों में वेयरहाउस/लॉजिस्टिक लागतें कम हो जाएंगी। कम टैक्स दरों के साथ कई करों के हट जाने से कारोबार करने में ज्यादा आसानी होगी। जीएसटी लागू होने के बाद माल की ढुलाई में लगने वाला समय घट जाएगा। इसकी वजह यह है राज्यों की सीमा पर चेक पोस्टों की जरूरत नहीं रह गई है। इससे माल व सेवाओं के उत्पादन की लागत में शामिल करों का व्यापक असर खत्म हो जाएगा। इसके परिणामस्वरूप स्वदेश में बने सामान की लागत घटेगी।

अभी तक छोटे उपकरणों पर एक्साइज, वैट व अन्य कर मिला कर कुल टैक्स 27 प्रतिशत के करीब बैठता था। जीएसटी के लागू हो जाने से यह दर बढ़कर 28 प्रतिशत हो गई है। इससे ग्राहकों की खरीदारी के पैटर्न पर बेहद मामूली असर होगा। हालांकि दीर्घकाल में इसमें कोई बड़ा फर्क नहीं आएगा, क्योंकि मूल्य वृद्धि नाममात्र की हुई है।

भारत में जिस प्रकार कारोबार किया जाता है, जीएसटी उस समूचे माहौल को बदल देगा। देश में कारोबार करना ज्यादा सुगम हो जाएगा। यह असंगठित क्षेत्र पर भी लगाम कसेगा और ज्यादा पारदर्शिता लाएगा। इसलिए उद्योगों के लिए यह सही समय है कि वे तैयार हो जाएं और अपने व्यापारों में जीएसटी को लागू करें।

(यह लेख अनिल राय गुप्ता, सीएमडी, हैवेल्स इंडिया ने लिखा है।)


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