वित्तीय उत्पाद को चुनने में फोकस है जरूरी
अपेक्षाकृत कम लोग ही इस बात का सही आकलन कर पाते हैं कि उन्हें किसी उत्पाद से क्या चाहिए
(धीरेन्द्र कुमार, सीईओ वैल्यू रिसर्च)
लोग जैसे वित्तीय विकल्पों का चुनाव करते हैं उनका उनके जीवन पर गहरा असर पड़ता है। फिर भी वित्तीय विकल्पों को चुनने में जूते की जोड़ी या मोबाइल फोन पसंद करने से कम ध्यान दिया जाता है। दुर्भाग्य से इस मामले में कोई भी आसान तरीका नहीं है। आपको थोड़ी मशक्कत करनी ही पड़ेगी।
जरा सोचकर देखिए कि आप उन चीजों को कैसे खरीदते हैं जिन्हें चुनने में थोड़ी सावधानी की जरूरत पड़ती है। मसलन कपड़े या जूते। ऐसा करने के लिए पहले आप किसी दुकान पर जाते हैं। कई विकल्पों को देखते हैं। उन्हें पहनकर आजमाते हैं। पसंद करते हैं। फिर दुकान से बाहर निकल आते हैं और अपने स्मार्टफोन से ऑनलाइन ऑर्डर कर देते हैं। बेशक, शॉपिंग का एक पुराना तरीका भी था, लेकिन अब वह खत्म हो रहा है।
मामला कोई भी हो, इस तरह की कसरत इसलिए काम करती है क्योंकि आपके पास उपलब्ध विकल्पों में से चुनने के लिए कुछ मापदंड होते हैं। आप जो खरीद रहे हैं, उसके आधार पर ये स्वाद, रंग या सौंदर्य जैसी व्यक्तिपरक चीजें हो सकती हैं, या वे वस्तुपरक चीजें हो सकती हैं जैसे गैजेट या ऑटोमोबाइल के मामले में मूल्य या मात्र या कोई अन्य विनिर्देश। दोनों ही मामलों में आपको लगता है कि आपने बिल्कुल सही विकल्प चुना है। इसके पीछे वजह यह रहती है कि यह चुनाव आपने उन मानदंडों के आधार पर किया होता है जो आपको सबसे ज्यादा प्रासंगिक लगते हैं।
दुर्भाग्य से वित्तीय उत्पादों को खरीदने में इस तरह की तरकीब काम नहीं आती है। फिर चाहे वह निवेश के लिए हो या बीमा या किसी अन्य उत्पाद के लिए हो। सबसे पहले, अपेक्षाकृत कम लोग ही इस बात का सही आकलन कर पाते हैं कि उन्हें किसी उत्पाद से क्या चाहिए और वे खूबियां उस उत्पाद में हैं या नहीं। दूसरा, अगर उस उत्पाद में वे खूबियां हैं भी तो उनका मूल्यांकन अक्सर खरीदार के ज्ञान पर निर्भर करता है। यह बहुत कुछ व्यक्ति के विवेक पर भी आधारित है कि वह जान ले कि उत्पाद के अंदर की बारीकियां क्या हैं। साथ ही उत्पाद का प्रचार करके उसे जिस तरह से बढ़ा चढ़ाकर दिखाया जाता है, उसे समझने का कौशल भी मायने रखता है।
सबसे बुरी बात यह है कि अगर किसी ने गलत चुनाव कर लिया है तो उसे कई सालों बाद इसका पता चलता है। ऐसे तमाम लोग हैं जिनके निवेश और बीमा विकल्पों ने बेहद बुरा प्रदर्शन किया। लेकिन वे इसके बारे में थोड़ा ही जानते हैं कि यह बेहतर हो सकता था और अगर वे इसको जानते भी हैं तो वास्तव में समझते नहीं हैं कि गलत क्या हुआ था। लोग जिस तरह के विकल्पों को चुनते हैं उनका उनके जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। फिर भी इन वित्तीय विकल्पों को चुनने में मोबाइल फोन या जूते की जोड़ी पसंद करने से कम ध्यान दिया जाता है। दुर्भाग्य से कोई भी आसान तरीका नहीं है। कुछ लोग कमर कसते हैं और अपने ज्ञान को बढ़ाते हैं। जबकि उन्हें जिन्हें समाधान की सबसे ज्यादा जरूरत होती है, वे उसे जानते ही नहीं।