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आम बजट 2017: वित्त मंत्री ने किए इंतजाम, अमीरों को होंगे ये पांच बड़े नुकसान

आम बजट 2017 पूरी तरह से निम्न और मध्य वर्ग (लोअर मिडिल क्लास) को समर्पित दिखा

By Praveen DwivediEdited By: Published: Thu, 02 Feb 2017 02:35 PM (IST)Updated: Fri, 03 Feb 2017 01:46 PM (IST)
आम बजट 2017: वित्त मंत्री ने किए इंतजाम, अमीरों को होंगे ये पांच बड़े नुकसान
आम बजट 2017: वित्त मंत्री ने किए इंतजाम, अमीरों को होंगे ये पांच बड़े नुकसान

नई दिल्ली। नए साल के नए बजट में न ही कोई बड़ी लोकलुभावन सौगातें दी गईं और न ही किसी एक विशेष तबके पर फोकस किया गया। यह बजट पूरी तरह से निम्न और मध्य वर्ग (लोअर मिडिल क्लास) को समर्पित दिखा। वित्त वर्ष 2017-18 देश के बड़े अमीरों के लिहाज से थोड़ा नुकसानदेह जरूर है। इस बारे में दैनिक जागरण की टीम ने ई-मुंशी के टैक्स एक्सपर्ट और चार्टेड अकाउंटेंट (सीए) अंकित गुप्ता से बात करने की कोशिश की।

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जानिए देश के अमीरों के लिए क्यों बेहतर नहीं हैं आम बजट:

सरचार्ज का भार:
इस बजट ने सरचार्ज के संदर्भ में आम आदमी के लिए थोड़ी मुश्किल खड़ी की है। इस बजट के मुताबिक 50 लाख से 1 करोड़ तक की कर योग्य आय पर 10 फीसदी का सरचार्ज लगेगा। यानी 50 लाख की आय पर आपको 1.5 लाख का अतिरिक्त टैक्स देना होगा, यह अमीरों के लिहाज से नुकसानदेह होगा।

नकदी लेन-देन:
इस बजट में कहा गया है कि अगर कोई भी व्यक्ति 3 लाख से ज्यादा का लेनदेन नकदी में करता है तो उसे 100 फीस दी पेनाल्टी देनी होगी। ऐसे में जो बिजनेसमैन और व्यापारी ऐसे धंधों या उद्योगों से जुड़े हैं जहां नकदी में ही लेनदेन होता है उन्हें नुकसान हो सकता है।

मकान से किराए के रूप में प्राप्त आमदनी:
अगर किसी मकान मालिक को अपने मकान से 50,000 रुपए का प्रतिमाह किराया मिलता है, तो किराएदार यह भुगतान 5 फीसदी टीडीएस काटकर ही करेगा।

नकदी में ज्यादा खर्च नहीं कर पाएंगे व्यापारी:
अब व्यापारी वर्ग एक दिन में नकदी से ज्यादा लेन-देन नहीं कर पाएगा। पहले नकदी में खर्च की सीमा 20,000 रुपए प्रतिदिन थी जिसे घटाकर 10,000 प्रति दिन कर दिया गया है। अगर आप नकद में इससे ज्यादा खर्च करते हैं तो इसे खर्च (cash expenditure) नहीं माना जाएगा। ऐसे करने पर इस राशि को आपकी बढ़ी हुई आमदनी माना जाएगा और आप पर टैक्स देनदारी ज्यादा की बनेगी।

प्रॉपर्टी की बिक्री में होगा अमीरों को नुकसान:
इस बजट के बाद अब प्रॉपर्टी की बिक्री में भी बड़े अमीरों को नुकसान हो सकता है। उदाहरण के तौर पर मान लीजिए कि अगर आपने कोई 20 लाख की प्रापर्टी खरीदी या बेची, जिसमें आपने 10 लाख का लेनदेन नकदी के माध्यम से किया और 10 लाख चेक के माध्यम से तो आपको इस पर ज्यादा कैपिटल गेन टैक्स देना होगा।


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