फाइनेंशियल प्लानिंग से पहले जाने निवेश करने का सही तरीका
जानिए वित्तीय लक्ष्य के क्या मायने होते हैं
नई दिल्ली (धीरेंद्र कुमार, वैल्यू रिसर्च)। आप निवेश क्यों करते हैं? जाहिर है, यह सुनिश्चित करने के लिए कि आपकी बचत बढ़े। न कि वह सिर्फ महंगाई को पटखनी दे, बल्कि कुछ वास्तविक रिटर्न भी उत्पन्न करे। यह ठीक है कि हर कोई अधिक कमाना चाहता है। हालांकि, यह तय करने के लिए कि कहां निवेश करना ठीक है और कितना निवेश करना है, इसके लिए यह जानने की जरूरत है कि आप कहां जा रहे हैं। इस कॉलम के माध्यम से मैं आपको निवेश के लिए एक वित्तीय लक्ष्य निर्धारित करने के बारे में बता चुका हूं। प्रत्येक लक्ष्य को लेकर निवेश को अनुरूप बनाने पर भी चर्चा की गई है।
इस अवधारणा को थोड़ा और समझने की आवश्यकता है। आखिर एक वित्तीय लक्ष्य क्या है? दरअसल, यह लक्ष्य की एक साफ उजली तस्वीर है। यदि आप विशिष्ट वित्तीय लक्ष्यों का निर्धारण करते हैं और उनके लिए आवश्यक धन के बारे में सोचते हैं, तो आप निश्चित रूप से निवेश के प्रकार के बारे में सवालों के जवाब देने में सक्षम होंगे। उदाहरण के लिए, आपको तीन साल बाद बेटी की उच्च शिक्षा के लिए धन की आवश्यकता होगी। आप अब से दस साल के बाद एक घर खरीदना चाहते हैं। आप दो साल बाद यूरोप में छुट्टी पर जाना चाहते हैं। आपातकाल के लिए हमेशा आप 5 लाख रुपये तैयार रखना चाहते हैं।
इस तरह की साफ तस्वीर के बगैर आगे के फैसले करना मुश्किल होता है। एक सटीक लक्ष्य होने से तमाम तरह के संदेह दूर हो जाते हैं। अगर आप एक लक्ष्य हासिल नहीं कर पाते, तो स्पष्ट है कि कुछ कमी है। उसे दूर करने की जरूरत है। जब लक्ष्य बहुत सटीक होते हैं, तो आपके द्वारा अपेक्षित रिटर्न स्पष्ट हो जाते हैं। इस बिंदु पर यह साफ हो जाता है कि इन लक्ष्यों में से प्रत्येक में निवेश का एक सेट होना चाहिए जिन्हें विशेष रूप से इन लक्ष्यों को पूरा करने के लिए चुना गया हो। इसका यह मतलब है कि आपके पास प्रत्येक लक्ष्य को पूरा करने के लिए निवेश संबंधी एक अलग सेट होना चाहिए। दूसरे शब्दों में, अलग-अलग लक्ष्यों के लिए अलग पोर्टफोलियो।
वास्तव में यह तरीका कुछ-कुछ वैसा ही है जिसका इस्तेमाल गृहिणियां करती हैं। मेरी पहचान की एक बुजुर्ग महिला थीं जो इस आधार पर घर चलाती थीं। वह हाथ से सिले हुए कई छोटे थैले रखती थीं। इन थैलों का इस्तेमाल वह अलग-अलग उद्देश्यों के लिए करती थीं। जब उनके पति मासिक वेतन घर लाते, तो वह सब्जियों के निमित्त बने थैले में कुछ पैसे रखतीं, दूध के लिए बने थैले में कुछ, घरेलू नौकरों के लिए निर्मित थैले में कुछ। ऐसे ही वह अलग-अलग काम के लिए अलग थैलों का इस्तेमाल करतीं। घर चलाने में यह बहुत अच्छी तरह काम करता था। वास्तव में अपने निवेश के साथ भी हमें कुछ ऐसा ही करना चाहिए। सही मायने में, प्रत्येक लक्ष्य के लिए एक अलग वित्तीय योजना की आवश्यकता होती है।
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