उपभोग आधारित अर्थव्यवस्था भारत को वैश्विक अनिश्चितता के जोखिम से बचाएगी: कामत
केवी कामथ का मानना है कि विश्व अनिश्चित समय से गुजर रहा है लेकिन भारत पर इसका बहुत ज्यादा प्रभाव पड़ने की आशंका नहीं है।
नई दिल्ली: उपभोग आधारित अर्थव्यवस्था के कारण भारत निरंतर वृद्धि करता रहेगा। विश्व अनिश्चित समय से गुजर रहा है लेकिन भारत पर इसका बहुत ज्यादा प्रभाव पड़ने की आशंका नहीं है। भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर यह भरोसा दिग्गज बैंकर और ब्रिक्स देशों के राष्ट्रीय विकास बैंक के प्रमुख के वी कामत ने लगाया है।
कामत ने अत्यधिक लोकलुभावन चीजों को लेकर आगाह किया और कहा कि देश को वही करना चाहिए जो जरुरी है। उन्होंने कहा कि पहला जोर आर्थिक वृद्धि को गति देना होना चाहिए और उसके बाद यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि इसका लाभ अन्य तक पहुंचे ताकि वृद्धि समावेशी हो। कामत ने यह भी कहा कि भारत में नोटबंदी का अल्पकालीन प्रभाव पड़ेगा, उसके बाद भारत को वृद्धि के स्पष्ट रास्ते पर वापस आना चाहिए।
वैश्विक अनिश्चितता का भारत पर ज्यादा असर नहीं:
डिजिटल अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने तथा हाल में नोटबंदी एवं दुनिया में अनिश्चित माहौल के बीच इसके प्रभाव के बारे में पूछे जाने पर कामत ने कहा, 'स्पष्ट रुप से विश्व में आज काफी अनिश्चितता है। लेकिन इस अनिश्चितता का भारत पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ने की आशंका नहीं है। हम अभी भी खपत आधारित अर्थव्यवस्था हैं। हमें खपत करना और वृद्धि करनी है। यह बात हमें दुनिया के अन्य देशों में अनिश्चितता से बचाती है।'दूसरा, नोटबंदी के संदर्भ में मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस समयसीमा के भीतर कदम की घोषणा की थी, ज्यादातर चीजें पहले ही सामान्य हो चुकी हैं।'