GST के बाद सस्ते होंगे स्मार्टफोन, दवाइयां और सीमेंट, हवन सामग्री होगी टैक्स फ्री
वस्तु एवं सेवाकर दायरे से पूजन और हवन सामग्री बाहर रहेंगे
नई दिल्ली (जेएनएन)। पूजन और हवन सामग्री पर जीएसटी नहीं लगेगा। सरकार ने इस संबंध में सभी आशंकाओं को दूर करते हुए स्थिति स्पष्ट की है। खास बात यह है कि स्मार्ट फोन और सीमेंट पर भी जीएसटी लागू होने पर टैक्स का बोझ कम हो जाएगा। वित्त मंत्रालय का कहना है कि जीएसटी लागू होने के बाद उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी क्योंकि पैकेज्ड सीमेंट, स्मार्ट फोन और मेडिकल डिवाइसेज जैसे विभिन्न उपभोक्ता उत्पादों पर कर बोझ कम हो जाएगा। स्मार्टफोन पर फिलहाल दो प्रतिशत केंद्रीय उत्पाद शुल्क और अलग-अलग राज्यों में 5 से 15 प्रतिशत की दर से वैट लगता है। सभी राज्यों में देखें तो स्मार्ट फोन पर औसतन 12 प्रतिशत की दर से वैट लगता है।
इस तरह स्मार्ट फोन पर कुल कर 13.5 प्रतिशत बैठता है। जीएसटी काउंसिल ने स्मार्ट फोन पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगाने का फैसला किया है। इस तरह जीएसटी लागू होने पर स्मार्ट फोन पर भी टैक्स का बोझ कम हो जाएगा। मंत्रालय का यह भी कहना है कि आम घरों में इस्तेमाल होने वाली पूजा सामग्री और हवन सामग्री पर जीएसटी नहीं लगेगा। हालांकि अभी इस संबंध में फॉमरूला तय नहीं किया गया है। सीमेंट पर फिलहाल 12.5 प्रतिशत के अतिरिक्त 125 रुपये प्रति टन के हिसाब से केंद्रीय उत्पाद शुल्क और 14.5 प्रतिशत की स्टैंडर्ड दर से वैट लगता है। इन दोनों दरों को मिलाकर सीमेंट पर फिलहाल कुल 29 प्रतिशत टैक्स लगता है।
अगर केंद्रीय बिक्री कर (सीएसटी) और चुंगी आदि को भी इसमें जोड़ लिया जाए तो सीमेंट पर मौजूदा कुल कर बढ़कर 31 प्रतिशत हो जाता है जबकि जीएसटी में सीमेंट पर 28 प्रतिशत टैक्स लगाने का प्रस्ताव किया गया है। इस तरह सीमेंट पर कर बोझ कम हो जाएगा। इसी तरह मेडिकल उपकरणों, आयुर्वेद, यूनानी, सिद्ध, होम्योपैथी या बॉयो केमिकल उत्पादों पर फिलहाल छह प्रतिशत की दर से केंद्रीय उत्पाद शुल्क और 5 प्रतिशत वैट लगता है। अगर इस पर सीएसटी और चुंगी कर जैसे टैक्स भी जोड़ लें तो कुल मिलाकर 13 प्रतिशत टैक्स बैठता है जबकि जीएसटी लागू होने पर इन पर 12 प्रतिशत टैक्स लगाने का प्रस्ताव किया गया है। इसी तरह मेडिकल डिवाइसेज और सर्जिकल इंस्ट्रमेंट्स पर भी जीएसटी लागू होने पर कुल कर में कमी आ जाएगी।
यह भी पढ़ें: सोने पर दो फीसद की दर से विशेष जीएसटी लगाने के पक्ष में सर्राफा कारोबारी