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आरबीआई के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य बोले बैड लोन पर कड़े कदम उठाने की जरूरत

आरबीआई के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने कहा कि कर्जदारों के पास फंसे अपने कर्ज को वापस लाने की दिशा में तेजी से काम करने की जरूरत है।

By Praveen DwivediEdited By: Published: Wed, 22 Feb 2017 01:05 PM (IST)Updated: Wed, 22 Feb 2017 06:06 PM (IST)
आरबीआई के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य बोले बैड लोन पर कड़े कदम उठाने की जरूरत
आरबीआई के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य बोले बैड लोन पर कड़े कदम उठाने की जरूरत

नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने कहा कि कर्जदारों के पास फंसे अपने कर्ज को वापस लाने की दिशा में तेजी से काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमें संभावित समाधान की रूपरेखा तैयार करने की जरूरत है जिसमें एक सरकारी या निजी एजेंसी का गठन किया जा सकता है जो इन फंसे हुए कर्जों को खरीद ले। गौरतलब है कि विरल आचार्य ने इसी साल जनवरी महीने में डिप्टी गवर्नर का पद संभाला है।

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जनवरी को अपना कार्यभाल संभालने के बाद अपनी पहली स्पीच में कहा, “भारत अब तक अपने सुस्त दृष्टिकोण के जरिए बैड लोन से जुड़े मसलों को सुलझाने में विफल रहा है, जिसने सभी कर्जदाताओं को मौका दे दिया।” उन्होंने कहा कि इसके बजाए भारत सरकार और आरबीआई को कर्जदाताओं के पास पड़े 130 अरब डॉलर से अधिक के कर्ज निपटान के लिए और अधिक महत्वाकांक्षी समाधान की जरूरत है।

कौन हैं विराल आचार्य: विराल आचार्य न्यूयॉर्क यूनीवर्सिटी के स्टर्न स्कूल ऑफ बिजनेस (एनवाईयू-स्टर्न) में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर हैं। वो आर्थिक नीति अनुसंधान केंद्र (CEPR) से संबंधित फाइनेंशियल इकोनॉमिक एंड रिसर्च के प्रोग्राम डॉयरेक्टर हैं। साथ ही वो वेस्टर्न फाइनेंशियल एसोसिएशन नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया के निदेशक भी हैं। इसके अलावा, वह कॉर्पोरेट फाइनेंस में आर्थिक अनुसंधान के राष्ट्रीय ब्यूरो (एनबीईआर) के एक रिसर्च एसोसिएट है और वो यूरोपीय निगमित प्रशासन संस्थान (ECGI) के रिसर्च एसोसिएट भी हैं।


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