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स्वदेशी स्टील का इस्तेमाल आर्थिक विकास की कुंजी

स्वदेशी स्टील का इस्तेमाल अर्थव्यवस्था के लिहाज से सतत विकास की कुंजी है।

By Praveen DwivediEdited By: Published: Sun, 22 Jan 2017 12:39 PM (IST)Updated: Sun, 22 Jan 2017 12:42 PM (IST)
स्वदेशी स्टील का इस्तेमाल आर्थिक विकास की कुंजी
स्वदेशी स्टील का इस्तेमाल आर्थिक विकास की कुंजी

मुंबई: स्वदेशी स्टील का इस्तेमाल उद्योग और अर्थव्यवस्था के सतत विकास की कुंजी है। इस्पात मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह ने शनिवार को यहां नेशनल स्टील कंयूमर काउंसिल की बैठक में यह बात कही। यह बैठक इस्पात मंत्रलय की ओर से आयोजित की गई थी। इसमें बीरेंद्र ने कहा कि देश में स्टील उत्पादन बढ़ाने की काफी क्षमता है। इसके मद्देनजर सरकार देश को दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा स्टील उत्पादक देश बनाने के लिए कदम उठा रही है। देश में स्टील की खपत को भी बढ़ाया जाएगा।

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स्टील मंत्री ने कहा कि भारत सरकार मेक इन इंडिया और स्वदेशी उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए सहयोग पर जोर दे रही है। इस्पात मंत्रलय ने देश में स्टील खपत बढ़ाने के लिए पहले ही एक अभियान शुरू कर चुका है। इसके तहत सभी संबंधित मंत्रलयों के जरिये सरकार की सभी इंफ्रास्ट्रक्चर और मैन्यूफैक्चरिंग परियोजनाओं में केवल भारत में बने स्टील के उपयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है। देश में अभी स्टील की प्रति व्यक्ति सालान खपत 60 किलो है, जबकि विश्व औसत 208 किलो का है। इस लिहाज से खपत में बढ़ोतरी की खासी गुंजाइश है।

उन्होंने कहा कि काउंसिल में उद्योग विशेषज्ञों के शामिल होने के बाद यह और भी मजबूत हुई है। मंत्रलय पहली बार सभी हितधारकों और जनता से राष्ट्रीय इस्पात नीति 2017 के लिए टिप्पणी और सुझाव मांगे हैं। बैठक में एमएसएमई के उत्पादक, निजी और सार्वजनिक कंपनियों के इंटीग्रेटेड स्टील प्लांट, मशीन निर्माता और इंफ्रास्ट्रक्चर, ट्रांसपोर्ट, हाउसिंग व इक्विपमेंट क्षेत्र के ग्राहक शामिल थे।


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