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उर्जित पटेल ने एनपीए से प्रभावित सरकारी बैंकों का पूजी आधार बढ़ाने को नए पैकेज का वादा किया

इस साल मार्च में बैंकों का सकल एनपीए अनुपात 9.6 फीसद पर पहुंच गया

By Praveen DwivediEdited By: Published: Sun, 20 Aug 2017 11:44 AM (IST)Updated: Sun, 20 Aug 2017 11:52 AM (IST)
उर्जित पटेल ने एनपीए से प्रभावित सरकारी बैंकों का पूजी आधार बढ़ाने को नए पैकेज का वादा किया
उर्जित पटेल ने एनपीए से प्रभावित सरकारी बैंकों का पूजी आधार बढ़ाने को नए पैकेज का वादा किया

नई दिल्ली (पीटीआई)। रिजर्व बैंक (आरबीआइ) के गवर्नर उर्जित पटेल ने फंसे कर्ज यानी एनपीए से सर्वाधिक प्रभावित सरकारी बैंकों का पूंजी आधार बढ़ाने के लिए नए पैकेज का वादा किया है। उन्होंने कहा कि आरबीआइ और सरकार मिलकर बैंकों में नई पूंजी डालने के लिए यह पैकेज लाएंगे। पटेल शनिवार को यहां प्रमुख उद्योग चैंबर सीआइआइ की ओर से आयोजित कार्यक्रम में बैंकरों और उद्यमियों को संबोधित कर रहे थे।

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आरबीआइ गवर्नर ने कहा कि इस साल मार्च में बैंकों का सकल एनपीए अनुपात 9.6 फीसद पर पहुंच गया। यह फंसे कर्ज का बेहद खराब स्तर है। इसमें बड़े सुधार की जरूरत है। कुल एनपीए का 86.5 फीसद हिस्सा बड़े कर्जदारों के पास है। एनपीए की समस्या को दूर करने के कड़े प्रावधानों व अन्य कारणों से कई बैंकों की पूंजीगत स्थिति प्रभावित होगी। इसलिए बैंकों का पूंजीगत आधार बढ़ाने की जरूरत पड़ेगी। सरकारी बैंकों को एक तय समयसीमा में अपेक्षित पूंजी जुटाने में सक्षम बनाने के लिए सरकार और रिजर्व बैंक नए पैकेज पर बातचीत कर रहे हैं।

उर्जित के मुताबिक बाजार से पूंजी जुटाने, सरकारी हिस्सेदारी के विनिवेश, केंद्र द्वारा अतिरिक्त पूंजी झोंकने, रणनीतिक निर्णयों के आधार पर विलय और कम महत्व वाली संपत्तियों की बिक्री करने जैसे कदमों पर विचार किया जा सकता है। सरकार और आरबीआइ इस मुद्दे का व्यापक स्तर पर बहुआयामी समाधान तलाशने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।

इन प्रयासों के शुरुआती परिणाम उत्साहजनक रहे हैं। एनपीए की समस्या के समाधान के लिए हो रही कोशिशों की सफलता काफी कुछ सरकारी बैंकों के बहीखातों की क्षमता पर निर्भर करेगी। इससे तय होगा कि बैंक इसकी कितनी लागत वहन कर सकते हैं।

फिलहाल बैंकों का कुल एनपीए इस समय आठ लाख करोड़ रुपये के ऊंचे स्तर पर पहुंच गया है। इसमें से 75 फीसद हिस्सा सरकारी बैंकों का है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को संकट से उबारने के लिए सरकार ने इनमें मार्च, 2015 से मार्च, 2019 तक की चार साल की अवधि में 75,000 करोड़ रुपये की पूंजी डालने का बजटीय प्रावधान किया था।


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