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पहले बायबैक फिर इस्तीफा: समझिए विशाल सिक्का के इस्तीफे के मायने

जानिए विशाल सिक्का के इस्तीफे के असल मायने और एक्सपर्ट का नजरिया

By Shubham ShankdharEdited By: Published: Fri, 18 Aug 2017 11:45 AM (IST)Updated: Fri, 18 Aug 2017 11:45 AM (IST)
पहले बायबैक फिर इस्तीफा: समझिए विशाल सिक्का के इस्तीफे के मायने
पहले बायबैक फिर इस्तीफा: समझिए विशाल सिक्का के इस्तीफे के मायने

नई दिल्ली (शुभम शंखधर)। इंफोसिस से विशाल सिक्का का इस्तीफा हर लिहाज से बड़ी खबर है, लेकिन यह और भी बड़ी तब हो जाती है जब दो ही दिन पहले कंपनी की ओर से बायबैक पर विचार करने की खबर सामने आ रही हो। बुधवार की शाम को बायबैक की खबर आने के बाद गुरूवार के सत्र में इंफोसिस का शेयर बढ़त के साथ कारोबार करता रहा, इससे स्पष्ट है कि बायबैक की खबर को बाजार ने सकारात्मक माना और निवेशकों ने जमकर शेयरों की खरीदारी की। लेकिन शुक्रवार की सुबह विशाल सिक्का के इस्तीफे की खबर आते ही कंपनी का शेयर 6 फीसद से ज्यादा टूट गया। एक्सपर्ट मानते हैं कि इस घटनाक्रम के बीच तमाम छोटे निवेशक जिन्होंने बायबैक की खबर के बाद खरीदारी की थी वे आज फंसा हुआ महसूस कर रहे हैं। साथ ही इंफोसिस में निवेश के लिए अभी रुकने की सलाह दे रहे हैं। आखिर क्या हैं विशाल सिक्का के इस्तीफे के असल मायने और इसका असर हम एक्सपर्ट से बात करके यह जानने की कोशिश कर रहे हैं।

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सबसे पहले इस्तीफे की बड़ी वजह:

इंफोसिस से विशाल सिक्का के इस्तीफे की बड़ी वजह संस्थापक और उनके बीच विवाद बना। सिक्का ने यह स्पष्ट किया कि इस्तीफा देने की बड़ी वजह उन पर किए गए व्यक्तिगत हमले और निवेशकों के बीच विवादों को लेकर चर्चा है। इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति ने कंपनी के कॉर्पोरेट गर्वनेंस पर सवाल खड़े किये थे। साथ ही पुराने कर्मचारियों को 100 फीसद सेवरेंस देने का मुद्दा भी विवाद का बड़ा कारण बना।

फंस गए निवेशक:

वी एम फाइनेंशियल के फंड मैनेजर विवेक मित्तल के मुताबिक विशाल सिक्का की इस्तीफे की खबर के बाद इंफोसिस के शेयर में आई गिरावट निश्चित तौर पर उन निवेशकों के लिए निराशाजनक है जिन्होंने बायबैक की खबर के बाद खरीदारी की थी। विवेक के मुताबिक अगर सिक्का को 1 दिन बाद ही इस्तीफा देना था तो बायबैक की खबर के साथ ही देना चाहिए था। जिससे दोनों खबरों के असर के बाद ही कोई भी निवेशक कंपनी में सौदे बनाता।

कंपनी के लिए चुनौतीपूर्ण समय:

एक्सकॉर्ट सिक्योरिटी के हेड (रिसर्च) आसिफ इकबाल का मानना है कि विशाल सिक्का का जाना कंपनी के लिहाज से नकारात्मक खबर है। हालांकि प्रवीन राव को यह जिम्मेदारी सौंप दी गई है लेकिन जब तक कंपनी में फुल टाईम सीईओ नहीं आ जाते तब तक कंपनी के लिए समय चुनौतीपूर्ण रहेगा। आसिफ के मुताबिक आईटी सेक्टर के लिए इस समय ग्लोबल माहौल भी पक्ष में नहीं है, ऐसे में आने वाला समय कंपनी के लिए चुनौतीपूर्ण होगा।

कंपनी में नारायण मूर्ति की वापसी संभव:

विवेक इस संभावना से भी इंकार नहीं कर रहे है कि कंपनी में नारायण मूर्ति की वापसी हो सकती है। आपको बता दें कि हाल में ही कंपनी के संस्थापक सदस्यों की ओर से यह कहा गया था कि नारायण मूर्ति को कंपनी में मानद चेयरमैन के रूप में वापसी करनी चाहिए।

निवेशक रहें दूर:

विवेक मित्तल के मुताबिक फिलहाल इंफोसिस में निवेश करने के लिए निवेशकों को कुछ समय इंतजार करना चाहिए। आने वाले दिनों में अगर बड़े फंड्स या एफआईआई इस खबर के बाद शेयर से बाहर निकलते हैं तो शेयर में गिरावट गहरा सकती है। बाजार में निवेश के लिए तमाम अन्य आईटी कंपनियां मौजूदा स्थिती में इंफोसिस से बेहतर हैं। ऐसे में इंफोसिस में निवेश के लिए कुछ इंतजार करना बेहतर रणनीति होगी।


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