GST के अंतर्गत ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर बेचने वाले कारोबारियों को राहत, TDS और TCS पर अमल टला
देश में जीएसटी लागू होने से पहले सरकार ने टीडीएस और टीसीएस के प्रावधानों पर अमल टाल दिया है
नई दिल्ली (जेएनएन)। केंद्र सरकार ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के लागू होने से सिर्फ चार दिन पहले टीडीएस और टीसीएस के प्रावधानों पर अमल टाल दिया है। इसके साथ ही ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर सामान बेचने वाले छोटे कारोबारियों को फिलहाल के लिए जीएसटी के तहत पंजीकरण कराने से छूट दे दी है।
जीएसटी नेटवर्क पोर्टल ने टीडीएस व टीसीएस जमाकर्ताओं और ई-कॉमर्स ऑपरेटरों का पंजीकरण रविवार से शुरू कर दिया है। भारी भीड़ को देखते हुए एक जुलाई से पहले सभी का पंजीकरण होने की संभावना कम है। जीएसटी के तहत सप्लायरों को भुगतान करते वक्त फ्लिपकार्ट, अमेजन व स्नैपडील जैसी ई-कॉमर्स कंपनियों को एक फीसद स्नोत पर कर संग्रह (टीसीएस) करने की जरूरत नहीं होगी। दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी ने इस कदम का स्वागत करते हुए कहा है कि इससे विक्रेताओं के कैश फ्लो पर दबाव कम होगा।
केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी) कानून के तहत नोटिफाइड यूनिटों को ढाई लाख रुपये से अधिक की वस्तुओं या सेवाओं की आपूर्ति के लिए भुगतान पर एक फीसद टीडीएस यानी स्त्रोत पर कर कटौती करना जरूरी है। इस प्रावधान को फिलहाल स्थगित रखा गया है। वित्त मंत्रलय ने एक बयान जारी कर कहा है कि व्यापार और उद्योग जगत से मिली प्रतिक्रिया के आधार पर यह कदम उठाया गया है।
सरकार ने सीजीएसटी (राज्य जीएसटी) कानून, 2017 के तहत टीडीएस (धारा 51) और टीसीएस (धारा 52) से जुड़े प्रावधान को आगे टालने का निर्णय किया है। इसका मकसद जीएसटी पर आसानी से अमल सुनिश्चित करना है। बीस लाख रुपये से कम कारोबार करने वाले छोटे कारोबारियों या फर्मो को भी ई-कॉमर्स पोर्टल के जरिये वस्तुओं एवं सेवाओं की बिक्री के लिए जीएसटी के अंतर्गत अपना रजिस्ट्रेशन कराने की फिलहाल जरूरत नहीं होगी।
यह कदम टीसीएस और टीडीएस के पात्र व्यक्तियों का ई-कॉमर्स कंपनियों व उनके सप्लायरों को इस ऐतिहासिक कर सुधार के लिए तैयार होने का मौका देने की खातिर उठाया गया है। जीएसटी से कर आधार बढ़ने, टैक्स चोरी पर रुकने और सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में एक से दो फीसद वृद्धि की उम्मीद जताई जा रही है।
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