चंद्रशेखरन के जाने से टीसीएस के भविष्य पर अनिश्चितता, निवेशकों का भरोसा कम होने की आशंकाएं हुईं तेज
एन चंद्रशेखरन के टाटा संस का प्रमुख बनने के बाद टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज के भविष्य को लेकर आशंकाएं जताई जाने लगी हैं।
नई दिल्ली: एन चंद्रशेखरन के टाटा संस का प्रमुख बनने के बाद टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज के भविष्य को लेकर आशंकाएं जताई जाने लगी हैं। चंद्रशेखरन बीते 8 सालों से टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज की कमान संभाल रहे थे। उन्हें (चंद्रशेखरन) इसी सप्ताह टाटा संस की कमान सौंपी गई है। चंद्रशेखरन के जाने के बाद टाटा ग्रुप की सबसे प्रॉफिटेबल इकाई कही जाने वाली टीसीएस का भविष्य जटिल और अनिश्चितता की स्थिति में आ गया है।
साल 2009 में कमान संभालने के बाद से 2016 तक टीसीएस की कमाई को तिगुना करने वाले चंद्रशेखरन अब 21 फरवरी से टाटा संस की जिम्मेदारी संभालेंगे। आपको बता दें कि टाटा संस के सालाना रेवेन्यू का बड़ा हिस्सा समूह की कंपनियों के लाभांश से आता है। इसमें टाटा मोटर्स और टाटा स्टील का अहम हिस्सा है, लेकिन आईटी सर्विसेज और कंसल्टिंग बिजनस वाली कंपनी टीसीएस की करीब 90 पर्सेंट हिस्सेदारी है।
निवेशकों में चिंता का माहौल:
माना जा रहा है कि एन चंद्रशेखरन के टीसीएस छोड़ने से निवेशकों में चिंता का माहौल है। बीते गुरुवार को टीसीएस के तिमाही नतीजे अनुमान से बेहतर आने का ऐलान किया गया था, लेकिन शुक्रवार को कंपनी के शेयरों में 4 फीसदी से अधिक की गिरावट दिखी। श्रीराम एसेट्स मैनेजमेंट के विश्लेषक सौविक गुहा ने कहा, 'आईटी इंडस्ट्री इस दौरान विपरीत परिस्थितियों से गुजर रही है। ऐसे वक्त में निवेशक चाहते थे कि चंद्रशेखरन कुछ और दिनों तक टीसीएस के मुखिया बने रहें।'