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मनी लॉन्ड्रिंग: 15 बैंकों पर जुर्माने का आदेश ट्राइब्यूनल ने रद्द किया

ट्राइब्यूनल ने 15 बैंकों के खिलाफ लगाए गए जुर्माने के आदेश को खारिज कर दिया है

By Praveen DwivediEdited By: Published: Mon, 17 Jul 2017 12:45 PM (IST)Updated: Mon, 17 Jul 2017 12:45 PM (IST)
मनी लॉन्ड्रिंग: 15 बैंकों पर जुर्माने का आदेश ट्राइब्यूनल ने रद्द किया
मनी लॉन्ड्रिंग: 15 बैंकों पर जुर्माने का आदेश ट्राइब्यूनल ने रद्द किया

नई दिल्ली (जेएनएन)। ट्राइब्यूनल ने उन 15 बैंकों पर जुर्माने के आदेश को रद्द कर दिया है जिन पर कथित रूप से मनी लॉन्ड्रिंग में मदद करने का आरोप लगा था। इन बैंकों पर जुर्माना फाइनैंशल इंटेलिजेंस यूनिट की ओर लगाया गया था। इन बैंकों की ओर से मनी लॉन्ड्रिंग में मदद का यह दावा एक डिजिटल मैग्जीन कोबरा पोस्ट की ओर से करीब चार साल पहले किया गया था।

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इकोनॉमिक टाइम्स में प्रकाशित खबर के मुताबिक प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट के तहत काम करने वाले अपीलेट ट्राइब्यूनल ने 88 पेज के अपने आदेश में इन बैंकों पर लगाए गए जुर्मानों को खारिज कर दिया। ट्राइब्यूनल का कहना है कि एफआईयू बैंकों के खिलाफ आरोपों की जांच करने में विफल रही और वह केवल इलेक्ट्रॉनिक सबूत पर भरोसा करती रही, जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता था।

क्या कहा ट्राइब्यूनल ने:

ट्राइब्यूनल ने अपने आदेश में कहा, “यह साफ है कि डायरेक्टर (एफआईयू) ने आदेश को जारी करने से पहले एडिटेड टेपों और ट्रांसक्रिप्ट्स से अलग कोई जांच नहीं की। निसंदेह, एफआईयू को अब तक पूरे और अनएडिटेड टेप्स नहीं मिले हैं। लिहाजा यह साफ है कि प्रतिवादी इलेक्ट्रॉनिक सबूत के आधार पर मामला साबित करने में सफल नहीं रहा है। ऐसे में ऑनलाइन अपलोड की गईं ट्रांसक्रिप्ट्स को स्वीकार नहीं किया जा सकता और यह कानून के तहत अधिकृत नहीं हैं।”


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