जियो इफेक्ट: ट्राई बनाएगा दूरसंचार कंपनियों की टेस्टिंग सर्विस के लिए नियम
ट्राई जल्द ही नई टेलिकॉम कंपनियों की टेस्टिंग सर्विसेज को लेकर कुछ नियम कायदे बना सकता है।
नई दिल्ली (पीटीआई)। टेलिकॉम नियामक (ट्राई) इस साल नई टेलिकॉम कंपनियों की टेस्टिंग सर्विसेज को लेकर कुछ नियम एवं कायदे बना सकता है। मई महीने से ही इस संबंध में कंसल्टेशन की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है। बनाए जाने वाले ये सभी नियम दूरसंचार कंपनी की ओर से उनकी नई सेवा की कमर्शियल शुरुआत से पहले उसके परीक्षण के बारे में होंगे। गौरतलब है कि नियामक की ओर से यह पहल बीते साल रिलांयस जियो की शुरुआत के बाद आई हलचल को मद्देनजर रखते हुए की गई है।
नियामक ने क्यों की पहल:
दरअसल मौजूदा दूरसंचार कंपनियों ने मांग उठाई थी कि कंपनियों की परीक्षण सेवाओं के बारे में स्पष्ट नियम होने चाहिए। यानी टेस्टिंग फेज में किस की सेवाओं की पेशकश किस स्तर पर की जा सकती है यह सब कुछ पहले से ही तय होना चाहिए। सूत्रों के मुताबिक इस बारे में कंसल्टेशन पेपर मई तक जारी किया जा सकता है। कंसल्टेशन पेपर में टेस्टिंग फेज के दौरान कस्टमर की संख्या, सर्विस टेस्टिंग की अवधि जैसे मुद्दों के साथ इन बातों पर राय मांगी जा सकती है कि मुफ्त सर्विस दी जा सकती है या नहीं।
गौरतलब है कि दूरसंचार कंपनियों के संगठन सीओएआई ने पिछले साल कहा था कि मुफ्त की योजना सुविधा देकर रिलायंस जियो ट्रायल के बहाने ग्राहक हथियाने की कोशिश कर रहा था। रिलायंस जियो की शुरुआत बीते साल 5 सितंबर से हुई थी।