तीन साल की हुई मोदी सरकार, पढ़े इन 5 पहलुओं पर कैसा रहा कामकाज
मोदी सरकार ने बीते तीन साल के कार्यकाल के दौरान पांच बड़े क्षेत्रों में अहम कदम उठाएं हैं
नई दिल्ली (जेएनएन)। भाजपा सरकार ने केंद्र में अपने तीन सालों का कार्यकाल पूरा कर लिया है। अगर मंहगाई के संदर्भ में देखा जाए तो एनडीए सरकार का अबतक का कार्यकाल ठीक-ठाक रहा है। राजनीतिक तौर पर बीजेपी ने करीब 15 वर्षों के बाद उत्तर प्रदेश में और नॉर्थ ईस्ट के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की है। इन चुनावों के जरिए नरेंद्र मोदी देश के सबसे लोकप्रिय नेता के तौर पर उभरे हैं।
मोदी सरकार के कामकाज से खुश हैं कंपनियों के सीईओ:
ज्यादातर भारतीय मुख्य अधिकारी अपने व्यापार के बारे में उत्साहित हैं, जबकि उनके वैश्विक समकक्षों का एक निराशाजनक दृष्टिकोण है। यह बात पीडब्ल्यूसी कंसल्टेंसी की ओर से किए गए एक शोध से पता चलती है।
पीडब्ल्यूसी के एनुअल ग्लोबल सीईओ सर्वे में, जिसमें करीब 1,400 सीईओ का इंटरव्यू लिया गया, बताता है कि करीब दो तिहाई (66%) ग्लोबल सीईओ के मुताबिक उनका बिजनेस खतरे में रहा जबिक 64 फीसद सीईओ मोदी सरकार के कामकाज से आशावादी नजर आए।
अगले दो सालों में यानी 2019 में फिर से लोकसभा चुनाव होने हैं। इन चुनावों में भाजपा की जीत सरकार के मैनेजमेंट और युवा वोटर्स के नौकरी सृजित करने में सरकार की ओर से किए गए प्रयासों पर निर्भर करेगी।
जानिए एनडीए सरकार की उपलब्धियों के बारे में
1. कनेक्टिविटी:
• कनेक्टिविटी के लिए सड़क, रेल, जलमार्ग और नागर विमानन क्षेत्रों के लिए सरकार ने नई एकीकृत परिवहन पहल की है।
• सरकार ने नए पोर्ट्स और एक्सप्रेसवे के कंस्ट्रक्शन के लिए सागरमाला और भारतमाला जैसे प्रोग्रामों की शुरुआत की है।
• प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिमला में उड़ान जो कि स्थानीय कनेक्टिविटी स्कीम है, की शुरुआत की, इसका शुरुआती किराया 2500 रुपये है।
नेगेटिव:
• सरकार की कई परियोजनाओं के बाद भी देश में रेल दुर्घटनाओं के मामले बढ़ रहे हैं।
• सरकार के प्रस्तावित 41 किलोमीटर रोज हाईवे कंस्ट्रक्शन के एवज में केवल 23 किलोमीटल प्रति दिन ही बन पाया है।
• देश की सरकारी एयरलाइन एयर इंडिया वित्तीय समस्याओं से जूझ रही है।
आतंकवाद, रक्षा और विदेश नीति:
• सरकार ने कश्मीर में लाइन ऑफ कंट्रोल पर सर्जिकल स्ट्राइक की और शोपियन में 20 से अधिक गावों में सर्च ऑपरेशन किया।
• छत्तीसगढ़ में माओवादियों के खिलाफ कॉम्बिंग ऑपरेशन किए गए।
• प्रधानंत्री नरेंद्र मोदी के नेबरहुड डिप्लोमेटी पॉलिसी के तहत बांग्लादेश, नेपाल और श्रीलंका के साथ संबंध सुधर रहे हैं।
नेगेटिव
• जिन जगहों में माओवादी का आतंक ज्यादा है, इन क्षेत्रों के लिए सरकार की ओर कोई विशेष रणनीति सामने नहीं आई।
• प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चीन और पाकिस्तान दौरे के बावजूद दोनों से संबंध नाजुक है।
• भारत के रूस के साथ आपसी रिश्तों में खटास जारी है।
किसान:
• सरकार ने किसानों के मोर्चे पर न्यू क्रॉप इंश्योरेंस स्कीम पेश की है। इसमें मौसम के जोखिमों को देखते हुए इरिगेशन के लिए अच्छे फंड्स की पेशकश की गई है।
• सरकार ने वर्ष 2022 तक के लिए किसानों की आय को दोगुना करने का लक्ष्य रखा है। इस बार सरकार ने प्रोडक्शन बढ़ाने के लक्ष्य से ज्यादा किसान की आय पर ध्यान केंद्रित किया है।
• सरकार ने कृषि क्षेत्र में कई मार्केटिंग रिफॉर्म की पहल की है ताकि एक देश एक बाजार की स्थापना की जा सके।
नेगेटिव:
• दाल और सब्जियों की खुदरा कीमतों में कमी के चलते किसान की आय पर मार पड़ी है।
• उत्तर प्रदेश में किसान कर्ज माफी के कारण वित्तीय अनुशासन बिगड़ा है और अन्य राज्यों में लोन रिपेमेंट में देरी आई है।
• दक्षिण राज्यों में सूखे के कारण किसानों की आत्महत्यों के केस बढ़ रहे हैं।
वित्तीय स्थिति:
• आजादी के बाद पहली बार जीएसटी (वस्तु एवं सेवाकर) जैसा टैक्स रिफॉर्म पेश किया जा रहा है।
• काले धन पर चोट करने से वित्त वर्ष 2016-17 में टैक्स रिसिप्ट्स और करदाताओं की संख्या में बढ़ोतरी देखी गई है।
• सरकार ने देश के आम और रेल बजट के विलय कर इसे 28 फरवरी की जगह एक फरवरी को पेश किया।
नेगेटिव:
• देश में नोटबंदी से छोटी अवधि में कैश की किल्लत देखने को मिली। साथ ही छोटे और मझौले एंटरप्राइज को इसकी मार पड़ी।
• रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स के पेंडिंग केस अब तक सुलझाए नहीं गए हैं।
• सरकार देश के नागरिकों के विदेश में जमा पैसों को वापस ला पाने में सफल नहीं रही है।
डिजिटल एंड कम्यूनिकेशन:
• सरकार ने पारदर्शिता बढ़ाने के लिए ई-इंफ्रास्ट्रक्चर, ई-पार्टिसिपेशन और ई सर्विसेज में सुधार किया है।
• सरकार ने यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई), जो कि एक पेमेंट सिस्टम है कि पेशकश की है। इसकी मदद से यूजर एक खाते से दूसरे खाते में पैसे ट्रांस्फर कर सकते हैं। वहीं, सरकार ने भीम एप को लॉन्च कर लैस कैश इकोनॉमी की तरफ कदम बढ़ा लिए हैं।
नेगेटिव:
• सरकार की इतनी पहलों के बाद भी कॉल ड्रॉप की समस्याओं में सुधार कम ही देखने को मिल रहा है।
• कैश की किल्लत कम होते ही डिजिटल पेमेंट की संख्या में कमी देखने को मिली। बीते साल नवंबर को नोटबंदी का फैसला लिया गया था, जिसके कारण 500 और 1000 रुपए के पुराने नोट अमान्य कर दिए गए थे।
• आधार डेटा लीक होने की केस सामने आए हैं।