करदाताओं को लेकर सरकार के आंकड़ों में कोई विसंगति नहीं
आयकर विभाग का कहना है कि करदाताओं की संख्या में कोई विसंगति नहीं है
नई दिल्ली (जेएनएन)। नोटबंदी से करदाताओं की संख्या बढ़ने के संबंध में सरकार की ओर से अलग-अलग मौकों पर दिए गए भिन्न-भिन्न आंकड़ों को लेकर आयकर विभाग सवालों के घेरे में आ गया है। इसे देखते हुए विभाग ने खुद आगे आकर सफाई दी है। विभाग का कहना है कि करदाताओं की संख्या में कोई विसंगति नहीं है।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने शुक्रवार को स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अपने भाषण में व्यक्तिगत करदाताओं की संख्या बढ़ने के जो आंकड़े दिए थे, वे पूरी तरह सही हैं। सीबीडीटी की भूमिका आयकर विभाग के ऊपर नीति निर्माता निकाय के रूप में है। विभाग के अनुसार चालू वित्त वर्ष में एक अप्रैल से पांच अगस्त तक 2.79 करोड़ व्यक्तिगत करादाताओं ने ई-रिटर्न दाखिल किए हैं। यह संख्या पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में दाखिल किए गए ई-रिटर्न की संख्या 2.23 करोड़ से 56 लाख ज्यादा है। वर्ष 2015-16 की समान अवधि के दौरान सिर्फ 2 करोड़ व्यक्तिगत करदाताओं ने इलेक्ट्रॉनिक आयकर रिटर्न (ई-रिटर्न) दाखिल किए थे।
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में यही कहा था कि इस साल एक अप्रैल से पांच अगस्त के बीच 56 लाख अधिक व्यक्तिगत करदाताओं ने आयकर रिटर्न दाखिल किया है। सीबीडीटी को यह स्पष्टीकरण इसलिए देना पड़ा, क्योंकि हाल में सरकार की ओर से दी जा रही करदाताओं की संख्या पर सवाल उठे थे। बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि आर्थिक सर्वेक्षण के भाग-दो, राज्यसभा में एक अगस्त को दिए गए जवाब और वित्त मंत्री के 17 मई, 2017 के बयान में आए आंकड़े अलग-अलग संदर्भ में दिए गए हैं।