छोटे कारोबार से बड़े बिजनेस अंपायर तक का सफर, जाने बिजनेस की दुनिया में कैसे छा गए ये धुरंधर
देश के बड़े उद्योगपतियों के अमीर बनने का सफर संघर्ष भरा रहा है, जानिए किन लोगों ने छोटे बिजनेस से बड़ा अंपायर खड़ा किया है
नई दिल्ली (जेएनएन)। कारोबार में मुनाफा कमाना और इस मुनाफे के साथ ही छोटे कारोबार से एक बड़ा बिजनेस अंपायर खड़ा कर देना हर किसी के बस की बात नहीं होती है। बेहतर बिजनेस करना और उसे किसी मुकाम तक ले जाने की कला जिस धुरंधर को आते है उसे ही मार्केट का किंग कहा जाता है। एक आंकड़ा बताता है कि वर्ष 2010 से भारत में हर 33 दिनों में एक व्यक्ति अरबपति बन रहा है। इनमें से अधिकांश पहली पीढ़ी के उद्यमी हैं, जिन्होंने वर्ल्ड इकोनॉमिक प्लेटफॉर्म पर पद और पावर दोनों हासिल किया है। हम अपनी इस रिपोर्ट के माध्यम से आपको भारत के सबसे अमीर घरानों के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं.....
अंबानी परिवार:
अंबानी सिर्फ सरनेम नहीं बल्कि मार्केट का एक जाना माना नाम है। इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि एक छोटे से कारोबारी धीरूभाई अंबानी ने न सिर्फ हर हाथ में मोबाइल अपना का सपना देखा बल्कि इसे पूरा भी कर दिखाया। आपको बता दें कि दिवंगत धीरूभाई अंबानी पहली पीढ़ी के उद्यमी थे। उनका हुनर उन्हें गुजरात से एडेन (यमन) और वहां से मुबंई तक लेकर गया जहां उन्होंने टैक्सटाइल बिजनेस की शुरुआत की। उन्होंने भारत में टैक्सटाइल की प्रोडक्शन के लिए वर्ल्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया। उनके सबसे बड़े बेटे, मुकेश अंबानी आज देश के सबसे अमीर व्यक्ति है। उनके परिवार की कुल नेट वर्थ 30.2 बिलियन डॉलर है। वहीं, मुकेश के छोटे भाई अनिल अंबानी की कुल नेट वर्थ 3.3 बिलियन है। आज रिलायंस इंडस्ट्रीज देश की जीडीपी पर सीधे तौर पर असर डालती है।
दिलिप सांघवी:
फार्मा उद्योग से जुड़े दिग्गज सांघवी परिवार की कुल नेट वर्थ 16.9 बिलियन डॉलर है। यह सब तब शुरू हुआ जब दिलीप सांघवी ने अपने एक दोस्त के साथ मिलकर सन फार्माक्यूटिकल्स की स्थापना की थी। इसकी शुरुआत कोलकता में केवल पांच प्रोडक्ट्स के साथ एक छोटी होलसेल दुकान के हुई थी। सांधवी ने पहली मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट गुजरात में मनोविकृति संबंधी (साइकीऐट्रिक) दवाइयों की लगाई थी। सांघवी वर्ष 2017 के सबसे पावरफुल भरतीयों की सूची में आठवें स्थान पर रहे हैं।
अजीम प्रेमजी और उनका परिवार:
प्रेमजी परिवार ने वास्तव में भारत को इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी की ओर बढ़ाने का काम किया है। विप्रो की स्थापना मुहम्मद प्रेमजी ने की थी। विप्रो पहली वेजिटेबल और रिफाइंड ऑयल मैन्यूफैक्चरर थी। आज इस कंपनी के मालिक अजीम प्रेमजी (मुहम्मद प्रेमजी के बेटे) है और उनके परिवार की नेट वर्थ 15 बिलियन डॉलर है। अपने करियर के शुरुआती दौर में ही अजीम को इस बात का अंदाजा हो गया था कि उनकी दिलचस्पी आईटी सेक्टर में है। उन्हें इस बात का अनुभव भी हो गया था कि आईटी ही भविष्य है। उन्होंने अपने पिताजी के व्यवसाय को और सशक्त किया। साथ ही उन्होंने बाजार में अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए सेंटिनल के साथ साझेदारी की। इसके बाद उन्होंने कंपनी को देश की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर और टेक्नोलॉजी सर्विस कंपनी बना दिया।
पलोनजी मिस्त्री और उनका परिवार:
पलोनजी मिस्त्री की टाटा स्टील में 18.4 फीसद की हिस्सेदारी है। उनके परिवार की नेट वर्थ 14.6 बिलियन डॉलर है। इनका कंस्ट्रक्शन बिजनेज भारत और आयरलैंड में फैला हुआ है। साथ ही इनके परिवार ने कई पार्टनरशिप्स भी की हुई हैं। वर्ष 2016 में भारत सरकार ने पलोनजी मिस्त्री को ट्रेड और इंडस्ट्री में किए गए योगदान के लिए पद्म भूषण से नवाजा था। उनके बेटे, साइरस मिस्त्री, टाटा ग्रुप के चेयरमैन रह चुके हैं। पलोनजी की ख्याति देश में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज और ताज महल होटल जैसी बिल्डिंग बनाने से बढ़ी है।