पहली आईडीएस किश्त में डिफॉल्ट करने वालों को कोई राहत नहीं: सीबीडीटी
सीबीडीटी ने यह साफ किया है कि आईडीएस के तहत टैक्स की पहली किश्त और पेनल्टी नहीं चुकाने वालों को कोई राहत नहीं दी जाएगी।
नई दिल्ली। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने आय घोषणा योजना (आईडीएस) के तहत अघोषित आय घोषित करने वाले जिन्होंने कर की पहली किश्त और जुर्माना नहीं चुकाया है उन्हें कोई राहत देने से मना कर दिया है। सीबीडीटी ने स्पष्ट किया है कि कोई भी छूट देना उन लोगों के साथ भेदभाव होगा जिन्होंने 30 नवंबर, 2016 की पहली अंतिम तारीख पर भुगतान किया था।
सीबीडीटी ने अपने एक आदेश में कहा, "आय घोषणा योजना के तहत देरी से भुगतान पर ब्याज लगाने का प्रावधान नहीं है और इसी कारण से डिफॉल्टर्स को ऐसी कोई छूट देना उन लोगों के साथ भेदभाव होगा जिन्होंने निर्धारित समय पर भुगतान किया है।" आपको बता दें कि आय घोषणा योजना चार महीने तक चली थी और 30 सितंबर, 2016 को बंद हुई थी। इसमें 45 फीसद कर और जुर्माने के साथ अघोषित संपत्ति को घोषित करने का प्रावधान दिया गया था।
इस स्कीम के तहत 71,726 लोगों ने 67,382 करोड़ रुपये की अघोषित संपत्ति की घोषणा की थी। आदेश में कहा गया है कि आय घोषणा योजना (आईडीएस) के तहत अघोषित संपत्ति घोषित करने वालों को भुगतान की समयसीमा की जानकारी थी और उन्हें इसका पालन करना था। उन्हें निर्धारित समय पर भुगतान न करने पर कानूनी परिणामों के बारे में भी सूचना दी गई थी।
गौरतलब है कि छह लोगों ने दिक्कतों का हवाला देते हुए पहली किस्त के भुगतान के लिए अतिरिक्त समय की मांग की है। सीबीडीटी ने कोई राहत देने से इनकार कर दिया है। साथ ही कहा है कि अघोषित संपत्ति की घोषणा करने वाले अधिकांश लोगों ने भुगतान की निर्धारित समयसीमा का पालन किया है और इसे लेकर राहत नहीं दी जाएगी।