महंगाई पर जीएसटी के प्रभाव को परखेगा आयकर विभाग
आयकर विभाग जीएसटी के लागू होने से पहले महंगाई पर पड़ने वाले इसके असर का आंकलन करेगा।
नई दिल्ली: जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) के लिए बनाई गई फिटमैन समिति की ओर से वस्तु एवं सेवाओं पर कर की दरें निर्धारित करने से पहले आयकर विभाग का राजस्व महकमा महंगाई पर जीएसटी के प्रभाव का आंकलन करेगा। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि नई कर व्यवस्था लागू होने के बाद दाम बढ़ोतरी के प्रभाव को कम से कम रखने के लिए यह अभ्यास किया जा रहा है।
अधिकारियों ने बताया कि विभाग वस्तु एवं सेवाओं की छूट वाली वस्तुओं की सूची पर काम करेगा और वो अधिकांश वस्तुओं पर सीपीआई बास्केट के हिसाब से हाई वेटेज तय करेगा जिसकी दरें मौजूदा कर दरों के बेहद करीब होंगी।
एक अधिकारी ने बताया, “करों के निर्धारण के दौरान इस बात को सुनिश्चित किया जाएगा कि सीपीआई बास्केट में जिन चीजों को ज्यादा वेटेज दिया गया है वो प्रभावित न हों। हम यह सुनिश्चित करने के लिए आंतरिक गणना करेंगे कि दरें उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति को प्रभावित नहीं करती हैं।”
जीएसटी काउंसिल ने पहले ही कर की चार दरें 5,12,18 और 28 तय की हैं। वहीं अतिरिक्त रूप में डिमेरिट और लक्जरी गुड्स पर सेस (उपकर) लगाया जाएगा, इसका इस्तेमाल वस्तु एवं सेवा कर कानून लागू होने के बाद राज्यों को होने वाले राजस्व नुकसान की भरपाई के लिए किया जाएगा।
गौरतलब है कि जीएसटी काउंसिल की कुल 12 बैठकें हो चुकी हैं आखिरी बैठक में तंबाकू उत्पादों पर 290 फीसद सेस लगाए जाने को सहमति बनी है। साथ ही इस बैठक में सीजीएसटी और यूटी जीएसटी बिल को भी मंजूरी दी गई थी।