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निवेशकों का पैसा न लौटाने पर सहारा को अवमानना नोटिस

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। निवेशकों का पैसा लौटाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट से सहारा समूह को तगड़ा झटका लगा है। अदालत ने आदेश का पालन नहीं करने पर कंपनी को अवमानना का नोटिस जारी किया है। साथ ही अदालत ने आदेश लागू करवाने में नाकाम रहने पर पूंजी बाजार नियामक सेबी को भी फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड [सेबी] से पूछा है कि कंपनी के खिलाफ अब तक कार्रवाई क्यों नहीं की गई है। नियामक से दो हफ्ते में स्थिति रिपोर्ट देने को भी कहा गया है।

By Edited By: Published: Wed, 06 Feb 2013 05:18 PM (IST)Updated: Mon, 30 Mar 2015 06:40 PM (IST)
निवेशकों का पैसा न लौटाने पर सहारा को अवमानना नोटिस

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। निवेशकों का पैसा लौटाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट से सहारा समूह को तगड़ा झटका लगा है। अदालत ने आदेश का पालन नहीं करने पर कंपनी को अवमानना का नोटिस जारी किया है। साथ ही अदालत ने आदेश लागू करवाने में नाकाम रहने पर पूंजी बाजार नियामक सेबी को भी फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड [सेबी] से पूछा है कि कंपनी के खिलाफ अब तक कार्रवाई क्यों नहीं की गई है। नियामक से दो हफ्ते में स्थिति रिपोर्ट देने को भी कहा गया है।

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कोर्ट के इस रुख के बाद समूह की दोनों कंपनियों सहारा इंडिया रीयल एस्टेट कॉरपोरेशन व सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन की संपत्तियां जब्त होने और खाते पर रोक लगने का खतरा मंडराने लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 31 अगस्त के अपने आदेश में इन दोनों कंपनियों को निवेशकों का 24 हजार करोड़ रुपये 15 फीसद ब्याज सहित लौटाने का आदेश दिया था। साथ ही कहा था कि अगर कंपनी आदेश का पालन नहीं करती है तो सेबी उसकी संपत्तियां जब्त और खाते फ्रीज कर सकती है।

बुधवार को न्यायमूर्ति केएस राधा कृष्णन व न्यायमूर्ति जेएस खेहर की पीठ ने सेबी की अवमानना याचिका पर सुनवाई के बाद सहारा को नोटिस जारी किए हैं। कोर्ट ने नोटिस में पूछा है कि क्यों न उसके खिलाफ अदालत की अवमानना की कार्यवाही शुरू की जाए। सहारा को चार हफ्ते में इस नोटिस का जवाब देना है। सुनवाई के दौरान सेबी के वकील ने पीठ को बताया कि सहारा कोर्ट के आदेश का पालन करने में नाकाम रहा है। इस पर पीठ ने सेबी से पूछा कि उसने सहारा के खिलाफ क्या कार्रवाई की। सेबी बार-बार क्यों अदालत आती है, जबकि आदेश में उसे कार्रवाई करने का पूरा अधिकार दिया गया है। सेबी ने दलील दी कि कानून के तहत कार्रवाई करने की उसकी अपनी सीमाएं हैं। उसने कंपनी को नोटिस भेजे हैं। साथ ही मुंबई के सिविल कोर्ट में एक्जीक्यूशन कार्यवाही भी शुरू की है।

सहारा के वकील राम जेठमलानी ने पीठ को बताया कि समूह ने 127 ट्रक दस्तावेज सेबी को सौंपे हैं। इसके अलावा 5120 करोड़ रुपये भी सेबी को दिए हैं। पीठ ने सहारा से कहा कि उसने दस दिन के भीतर दस्तावेज जमा करने का आदेश इसलिए दिया था ताकि दस्तावेज गढ़े न जा सकें। जेठमलानी ने कहा कि सहारा पर करीब 2620 करोड़ रुपये की देनदारी बनती है, लेकिन उसने 5120 करोड़ रुपये सेबी के पास जमा कराए हैं ताकि गणना में कोई कमी रह गई हो तो भी पैसा कम न पड़े। पीठ ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद सहारा को नोटिस जारी करते हुए मामले की सुनवाई चार हफ्ते तक के लिए टाल दी।


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