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बिटक्वॉइन को लेकर सहज नहीं रिजर्व बैंक: सुदर्शन सेन

सुदर्शन सेन का कहना है कि फिएट क्रिप्टोकरेंसी वही हो सकती है, जिसे रिजर्व बैंक जारी करता है

By Surbhi JainEdited By: Published: Thu, 14 Sep 2017 10:35 AM (IST)Updated: Thu, 14 Sep 2017 10:35 AM (IST)
बिटक्वॉइन को लेकर सहज नहीं रिजर्व बैंक: सुदर्शन सेन
बिटक्वॉइन को लेकर सहज नहीं रिजर्व बैंक: सुदर्शन सेन

नई दिल्ली (जेएनएन)। रिजर्व बैंक (आरबीआइ) बिटक्वॉइन जैसी गैर-कानूनी डिजिटल करेंसी को लेकर सहज नहीं है। आरबीआइ का एक समूह इन क्रिप्टोकरेंसी की कानूनी वैधता का मामला देख रहा है। रिजर्व बैंक के कार्यकारी निदेशक सुदर्शन सेन ने बुधवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में दुनियाभर के कई नियामकों ने बिटक्वॉइन जैसी कई डिजिटल करेंसी को लेकर जांच-पड़ताल तेज की है। लिहाजा केंद्रीय बैंक भी इन्हें संदेह की नजर से देखता है। सुदर्शन यहां इंडिया फिनटेक डे कांफ्रेंस में बोल रहे थे।

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सेन के मुताबिक फिएट क्रिप्टोकरेंसी यानी कानूनी डिजिटल करेंसी वही हो सकती है, जिसे रिजर्व बैंक जारी करे। इसको लेकर तभी कोई उम्मीद का सवाल पैदा होगा, जब केंद्रीय बैंक ऐसी डिजिटल करेंसी जारी करना शुरू करेगा, जिसे आप ऑनलाइन स्पेस में इस्तेमाल कर सकें। उन्होंने कहा, ‘जहां तक गैर-व्यवस्थित क्रिप्टोकरेंसी का सवाल है, मुझे लगता है कि हम इसको लेकर सहज नहीं हैं। बिटक्वॉइन एक निजी क्रिप्टोकरेंसी है। इसलिए मनमानी आधार पर इसके मूल्य तय किए जाते हैं।’ कुछ दिन पहले इस करेंसी की कीमत 4,000 डॉलर (करीब ढाई लाख रुपये) से भी ऊपर चली गई थी।

आरबीआइ ने एक विशेषज्ञ समूह बना रखा है, जो इस मामले को देख रहा है। केंद्रीय बैंक ने ऐसी क्रिप्टोकरेंसी को लेकर पहले भी अपनी कोई योजना नहीं बताई। सेन ने भी कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी कि इस मामले में विचार-विमर्श फिलहाल किस स्तर पर है। अभी यह भी स्पष्ट नहीं है कि डिजिटल करेंसी को लेकर रिजर्व बैंक सरकार को किस तरह की सिफारिशें करने वाला है। अलबत्ता चीन ने इसको लेकर सख्ती बरतनी शुरू कर दी है। इसकी वजह से बिटक्वॉइन की कीमत में गिरावट आई है।

पी2पी उधारी पर आरबीआइ को सरकारी अधिसूचना का इंतजार

आरबीआइ का समूह देख रहा डिजिटल करेंसी की कानूनी वैधता का मामलासुदर्शन सेन ने पीयर टू पीयर (पी2पी) उधारी पर भी बात की। उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक को इस मामले में सरकार की ओर से अधिसूचना जारी होने का इंतजार है। इसमें सरकार पी2पी प्लेटफॉर्म को आरबीआइ के नियमन वाली संस्था का दर्ज दिया जाना है। इससे रिजर्व बैंक पी2पी कर्ज देने वालों का भी नियामक बन जाएगा। अधिसूचना के आने के बाद आरबीआइ की ओर से इस पी2पी सेक्टर के लिए दिशानिर्देश जारी किए जाएंगे। बीते साल अप्रैल में केंद्रीय बैंक ने इस तरह की उधारी व्यवस्था पर एक परामर्श पत्र जारी किया था। पी2पी लेंडिंग कर्ज जुटाने के लिए इस्तेमाल की जा रही क्राउड फंडिंग का ही एक रूप है, जिसमें मूलधन को सूद सहित लौटाया जाता है। इसमें उधार लेने वाला कोई व्यक्ति या फर्म हो सकती है।


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