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चीन से आयात घटाने के लिए उठेंगे पक्के कदम

वर्ष 2013-14 में चीन के साथ भारत का व्यापार घाटा 36.2 अरब डॉलर का था जो वर्ष 2016-17 में 51.08 अरब डॉलर का हो गया है

By Surbhi JainEdited By: Published: Fri, 18 Aug 2017 01:52 PM (IST)Updated: Fri, 18 Aug 2017 01:52 PM (IST)
चीन से आयात घटाने के लिए उठेंगे पक्के कदम
चीन से आयात घटाने के लिए उठेंगे पक्के कदम

नई दिल्ली (जेएनएन)। डोकलाम को लेकर चीन के साथ उलझे भारत की मंशा फिलहाल अपने इस पड़ोसी देश के साथ खुलकर ‘ट्रेड वार’ करने की तो नहीं है लेकिन चीन से होने वाले आयात को समयबद्ध तरीके से घटाने के लिए ठोस कदम जरूर उठाये जाएंगे। सरकार ने उच्च स्तर पर यह फैसला किया है कि चीन के साथ मौजूदा व्यापार संतुलन को देश हित में ज्यादा दिनों तक चालू रखने की स्थिति नहीं है। ऐसे में चीन से जिन उत्पादों का आयात बड़े पैमाने पर हो रहा है उनका निर्माण स्थानीय स्तर पर करने की ठोस योजना बनाने का निर्देश संबंधित मंत्रलयों को दिया गया है।

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सूत्रों के मुताबिक उच्च स्तरीय निर्देश के बाद जिन क्षेत्रों में चीन से ज्यादा आयात हो रहा है उन्हें कम करने के लिए अलग रणनीति बनाई जाए। सरकार अर्थव्यवस्था की मजबूरी समझती है कि चीन से होने वाले आयात को अचानक नहीं रोका जा सकता लेकिन कई ऐसे उत्पाद हैं जिनके आयात को लेकर सख्ती की जा सकती है। इससे देशी कंपनियों व मेक इन इंडिया को बढ़ावा मिलेगा। इसी क्रम में स्टील मंत्रालय को कहा गया है कि वह इस्पात से तैयार होने वाले उत्पादों के आयात को किस तरह से कम किया जाए, इसकी रणनीति बनाये। वैसे सरकार की तरफ से चीन से होने वाले स्टील के आयात को एंटी डंपिंग शुल्क लगाकर काफी कम किया गया है लेकिन स्टील निर्मित उत्पादों के आयात पर काबू नहीं पाया जा सका है। पिछले वित्त वर्ष के दौरान यह आयात 1.23 अरब डॉलर का था।

आर्गेनिक रसायन दूसरे ऐसे उत्पाद हैं जिन्हें घटाया जा सकता है। पिछले वर्ष इनका 5.6 अरब डॉलर का आयात चीन से किया गया था। सनद रहे कि भारत ने पिछले वर्ष चीन को 11.84 अरब डॉलर का निर्यात किया था जबकि चीन से 61.2 अरब डॉलर का आयात किया गया था। वर्ष 2013-14 में चीन के साथ भारत का व्यापार घाटा 36.2 अरब डॉलर का था जो वर्ष 2016-17 में 51.08 अरब डॉलर का हो गया है। चीन की तरफ से भारतीय निर्यात को बढ़ावा देने की बात कही गई थी लेकिन जमीनी तौर पर ऐसा नहीं हुआ है। लेकिन हाल के महीनों में भारत ने कई चीनी उत्पादों के आयात को हतोत्साहित करने के लिए कदम उठाये हैं। चीन ने आरोप लगाया है कि भारत की तरफ से उसके जितने उत्पादों पर एंटी डंपिंग शुल्क लगाई गई है, उतने दुनिया के अन्य किसी भी देश ने नहीं लगाये हैं।


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