बाजार पर हावी रही मुनाफावसूली, सेंसेक्स और निफ्टी दोनों लाल निशान पर बंद
हफ्ते के पहले कारोबारी दिन में शेयरबाजार में मुनाफावसूली हावी रही
नई दिल्ली (जेएनएन)। हफ्ते के पहले कारोबारी दिन में मुनाफावसूली के चलते बाजार में पूरे दिन गिरावट जारी रही और कारोबार खत्म होने तक सेंसेक्स और निफ्टी दोनों लाल निशान पर बंद हुए। सोमवार के कारोबार में सेंसेक्स 281 अंकों की गिरावट के साथ 33,033 के स्तर पर और निफ्टी 96 अंकों की गिरावट के साथ 10,224 के स्तर पर बंद हुआ। आज निफ्टी में शुमार 50 शेयरों में से 37 गिरावट और 13 बढ़त के साथ बंद हुए हैं।
टॉप गेनर और टॉप लूजर: आज के कारोबार में टीसीएस (1.90 फीसद), एमएंडएम (1.22 फीसद), सनफॉर्मा (0.84 फीसद), हिंदपेट्रो(0.50 फीसद) और यूपीएल (0.50 फीसद) टॉप गेनर्स में शुमार रहे। वहीं अडानी पोर्ट्स (-4.64 फीसद), इंफ्राटेल (-4.45 फीसद), ऑटो फॉर्मा (-3.97 फीसद), ओएनजीसी (-3.82 फीसद) और कोल इंडिया (-3.22 फीसद) टॉप लूजर्स में शुमार रहे।
मार्केट इंडेक्स का हाल: अगर मार्केट इंडेक्स की बात करें तो मिडकैप और स्मॉलकैप दोनों में गिरावट देखने को मिली है। मिडकैप में 0.47 फीसद की गिरावट देखने को मिली, जबकि स्मॉलकैप 0.68 फीसद की गिरावट के साथ बंद हुए।
मेटल सेक्टर में आई सबसे तेज गिरावट: वहीं अगर सेक्टोरियल इंडेक्स की बात करें तो आईटी को छोड़कर सभी लाल निशान के साथ बंद हुए हैं। आईटी में 0.12 फीसद की तेजी देखने को मिली है। जबकि निफ्टी बैंक (0.55 फीसद), निफ्टी ऑटो (0.46 फीसद), निफ्टी फाइनेंस सर्विस (0.91 फीसद), निफ्टी एफएमसीजी (0.99 फीसद), निफ्टी मेटल (1.89 फीसद), निफ्टी फॉर्मा (0.78 फीसद) और निफ्टी रियल्टी (1.39 फीसद) में तेज गिरावट देखने को मिली है।
विशेषज्ञों का नजरिया
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च हेड विनोद नायर ने कहा कि इस हफ्ते थोक और खुदरा महंगाई के आंकड़े आने हैं। निवेशक इन पर नजर रखेंगे। इसके अलावा क्रूड के दाम बढ़ोतरी का मौजूदा ट्रेंड बने रहने से भी निवेशकों की धारणा पर असर पड़ेगा। इस हफ्ते आइडिया सेलुलर, एनएमडीसी, स्पाइसजेट और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया के तिमाही नतीजे भी जारी होने हैं। बाजार की दशा और दिशा तय करने में इनकी भूमिका भी रहेगी।
कोटक सिक्योरिटीज की टीना विरमानी ने कहा, ‘इस हफ्ते मध्य-पूर्व की राजनीतिक गतिविधियों और क्रूड की कीमतों पर नजर रहेगी। इसका कारण मध्य-पूर्व में बढ़ता तनाव और अमेरिका में तेल उत्पादन में बढ़ोतरी है। घरेलू मोर्चे पर कंपनियों के नतीजे भी निवेशकों की धारणा प्रभावित करेंगे।’ इस बीच, औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर सितंबर में घटकर 3.8 फीसद रही। इसका कारण मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र का कमजोर प्रदर्शन और उपभोक्ता वस्तुओं के उत्पादन में गिरावट है। इसका भी बाजार पर असर देखने को मिल सकता है। हालांकि जीएसटी काउंसिल की बैठक में कई रोजमर्रा की वस्तुओं पर टैक्स घटाए जाने से उपभोक्ता वस्तुओं के शेयर फायदे में रह सकते हैं।