सेबी ने निवेश उत्पादों के लिए दिया एक प्रस्ताव, अगल-अलग होंगी परामर्शक और उत्पाद वितरण सेवाएं
सेबी स्पष्ट कर प्रस्ताव रखा है कि कंपनियां अपने उत्पादों को अलग अलग प्रचारित करके बेचें
नई दिल्ली (जेएनएन)। सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) ने गुरुवार को अधिक स्पष्ट रूप से यह प्रस्ताव रखा है कि कंपनियां अपने उत्पादों को अलग अलग प्रचारित करके बेचें ताकि हितो के टकराव जैसी स्थिति का सामना न करना पड़े। मौजूदा नियमों के तहत, कंपनियों को सिर्फ अलग से पहचाने जाने योग्य विभागों या डिवीजनों के माध्यम से म्युचुअल फंड या अन्य निवेश उत्पादों को सलाह और बेचने के लिए दोनों को अनुमति दी जाती है। हालांकि इसमें दो फंक्शन के बीच एक लंबे संबंध की दरकार होती है।
सेबी के मुताबिक प्रत्येक सेवा के लिए शुल्क लगाया जाना चाहिए जो कि स्पष्ट रूप से अलग भी होना चाहिए। लेकिन गुरुवार को सेबी ने इस पृथककरण (अलग-अलग करने की) पर और अधिक स्पष्टता की मांग की है। पूंजी बाजार नियामक ने प्रस्तावित करते हुए कहा है कि कंपनियां अब तब तक सलाहकार और वितरण दोनों सेवाएं प्रदान करने में सक्षम नहीं होंगी, जब तक कि वे अलग-अलग सहायक कंपनियों में विभाजित न हों, जो यह प्रस्तावित करता हो कि विभाजन छह महीनों के भीतर पूरा हो जाएगा।
सेबी ने यह भी कहा है कि निवेश सलाह देने वाले लोगों को नियामकों से उचित अनुमति होनी चाहिए, खासकर के उन उत्पादों के लिए जिनके बारे में वे सलाह देते हैं। सेबी विदेशी इक्विटी, कॉरपोरेट बॉन्ड और म्यूचुअल फंड, जबकि केंद्रीय बैंक विदेशी मुद्रा और सरकारी बॉन्ड का निरीक्षण करता है।
सेबी ने अपने ड्रॉफ्ट प्रपोजल में कहा, “एक ही संस्था/ व्यक्ति की ओर से निवेश उत्पादों की सलाह देने और निवेश उत्पादों की बिक्री के बीच मौजूदा हितों के टकराव को रोकने के लिए इन दोनों गतिविधियों के बीच स्पष्ट अलगाव होना चाहिए।”