SBI और HDFC बैंक ने इस सेवा के लिए बढ़ाया चार्ज, जानिए
भारतीय स्टेट बैंक और एचडीएफसी बैंक यूनीफाइड पेमेंट इंटरफेस के जरिये मनी ट्रांसफर पर चार्ज वसूलेंगे
नई दिल्ली (जेएनएन)। यूनीफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआइ) चालू होने के दो साल बाद बैंकों ने इसके जरिये मनी ट्रांसफर पर चार्ज लगाना शुरू कर दिया है। हालांकि अभी बैंकों ने दो लोगों के बीच डिजिटल ट्रांजैक्शन (परसन-टू-परसन मनी ट्रांसफर) पर चार्ज लगाया है। भारतीय स्टेट बैंक ने एक जून से यह चार्ज लगाना शुरू कर दिया है जबकि एचडीएफसी बैंक ने 10 जुलाई से चार्ज लगाने का प्रस्ताव किया है। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि भीम एप के जरिये लोगों के बीच मनी ट्रांसफर पर भी चार्ज लगेगा या नहीं।
इस संबंध में संपर्क किये जाने पर एसबीआइ की डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर मंजू अग्रवाल ने माना कि बैंक ने यूपीआइ चार्ज के बारे में सूचना अपनी वेबसाइट पर दी है। लेकिन उन्होंने कहा कि यह जल्दी ही वापस हो जाएगा और चार्ज लगाने की सूचना भी हटा ली जाएगी। एचडीएफसी बैंक की प्रवक्ता से संपर्क नहीं हो पाया लेकिन एक वरिष्ठ अधिकारी ने 10 जुलाई से चार्ज लगेगा और एनपीसीआइ के साथ बैठक के बाद इसके बारे में फैसला किया जाएगा।
नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के चीफ ऑपरेटिंग ऑफीसर दिलीप एबसे ने एक बयान में कहा कि अभी तक यूपीआइ ने कोई चार्ज नहीं लगाया है लेकिन यूपीआइ और आइएमपीएस जैसे प्लेटफार्म के लिए दो लोगों के बीच मनी ट्रांसफर पर चार्ज लगाना बैंकों के विवेक पर निर्भर है।
एनपीसीआइ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने स्पष्ट किया कि पूरी दुनिया में इस तरह के ट्रांजैक्शन पर चार्ज लगता है। यूपीआइ में मर्चेट ट्रांजैक्शन यानी खरीद करने पर विक्रेता को चार्ज देना होता है। दो लोगों के बीच ट्रांजैक्शन होने पर भुगतान करने वाले को चार्ज देना होता है। हालांकि ट्रांजैक्शन फीस लगाते समय इस बात पर गौर करना जरूरी है कि यूपीआइ पर पर्याप्त ट्रांजैक्शन हो रहे हैं। मनी ट्रांसफर चैनल पूरी तरह परिपक्व होना और चार्ज की दर जायज होना भी आवश्यक है। इस समय यूपीआइ पर हर महीने औसतन 2900 करोड़ रुपये मूल्य के एक करोड़ ट्रांजैक्शन हो रहे हैं। अधिकारी के अनुसार चार्ज लगाने के लिए दो-तीन करोड़ ट्रांजैक्शन होना जरूरी है।
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