एस चांद एंड कंपनी का आईपीओ दूसरे दिन हुआ फुली सब्सक्राइब, जानिए इससे जुड़ी पांच बड़ी बातें
जानिए बुक पब्लिशर एस चांद एंड कंपनी से जुड़ी पांच बड़ी बातें
नई दिल्ली (जेएनएन)। बुक पब्लिशर एस चांद एंड कंपनी का आईपीओ गुरुवार को 12 बजे तक फुली सब्सक्राइब हो गया। एस चांद एंड कंपनी, नवनीत एजुकेशन के आईपीओ के करीब 10 वर्ष बाद आया है। कंपनी ने शेयर का प्राइज बैंड 660 से 670 रुपये तय किया है। कंपनी के आईपीओ में 325 करोड़ रुपये के शेयरों का फ्रेश इश्यू होगा। इसमें प्राइवेट इक्विटी प्लेयर्स एवरस्टोन कैपिटल और आईएफसी अपने करीब 60 लाख शेयर बेचेंगे। आपको बता दें कि कंपनी ने मंगलवार को एंकर इनवेस्टर के जरिए 219 करोड़ की राशि जुटाई थी।
जानिए इससे जुड़ी पांच जरूरी बातें-
1. एस चांद एंड कंपनी के प्रोमोटर्स की कंपनी में 58.3 फीसद हिस्सेदारी है। आईपीओ के बाद इनकी हिस्सेदारी गिरकर 46.7 फीसद तक हो जाएगी। कंपनी 325 करोड़ रुपये के शेयरों के फ्रेश इश्यू के जरिए 240 करोड़ रुपये का इस्तेमाल लोन का भुगतान करने के लिए करेगी।
2. एस. चांद पब्लिशिंग हाउस देश का सबसे पुराना और बड़ा पब्लिशिंग हाउस है। इसकी स्थापना नई दिल्ली में 1939 में हुई थी। एस. चांद पब्लिशिंग हाउस मुख्य रूप से प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा (इंजीनियरिंग-कॉमर्स) से जुड़ी पुस्तकों का प्रकाशन करता है। एस. चांद की स्थापना पुरानी दिल्ली के मशहूर चांदनी चौक इलाके में हुई थी। इसकी स्थापना श्याम लाल गुप्ता ने की थी और उन्होंने शुरुआत में महज 2 किताबों की छपाई से इस पब्लिशिंग हाउस की बुनियाद रखी थी। कंपनी नॉलेज प्रोडक्ट और सर्विसेज में से कुल 53 उपभोक्ता ब्रैंड्स ऑफर करती है, इनमें एस चांद, विकास, मधुबन, सरस्वती, डेस्टीनेशन सक्सेस और इग्नाइटर शामिल है।
3. कंपनी एजुकेशन सेगमेंट में कंटेंट, सॉल्यूशन और सर्विसेज उपलब्ध कराती है। नील्सन के मुताबिक वित्त वर्ष 2016 में रेवेन्यु के मामले में के-12 एजुकेशन कंटेंट एक दिग्गज कंपनी रही है। सीबीएसई और आईसीएसई में मजबूत उपस्थिति के साथ ही यह भारत के तमाम बोर्ड्स (राज्य स्तर पर) से जुड़े स्कूलों में अपनी जगह बना रही है।
4. एस चांद एंड कंपनी का काफी मजबूत वित्तीय ट्रैक रिकॉर्ड रहा है। वित्त वर्ष 2012-16 तक इसका रेवेन्यू 33 फीसद सीजीआर की दर से बढ़कर 538 करोड़ और नेट प्रॉफिट 36 फीसद सीजीआर की दर से बढ़कर 47 करोड़ हो गया है। 31 दिसंबर 2016 तक कंपनी को 150 करोड़ के राजस्व में 89 करोड़ का कुल नुकसान हुआ। इसके बिजनेस की प्रकृति सीजनल होने के कारण कंपनी को सबसे ज्यादा रेवेन्यू और मुनाफा वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही में होता है।
5. ब्रोकिंग फर्म एंजेल ब्रोकिंग के मुताबिक आईपो के लिए तय किये गए मूल्य की ऊपरी सीमा के हिसाब से कंपनी की वैल्युएशन 3 गुना आंकी गई है। कंपनी की ओर से आंकी गई 3 गुना वैल्युएशन इसी सेक्टर की एक और कंपनी नवनीत एजुकेशन से कम है।
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