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‘आधार’ आधारित लेनदेन का सिस्टम 30 जून 2017 तक तैयार करें बैंक: आरबीआई

नकदी के बजाय कैशलेस लेनदेन को बढ़ावा देने के इरादे से सरकार के साथ-साथ भारतीय रिजर्व बैंक भी उपाय करने में जुट गया है।

By Praveen DwivediEdited By: Published: Sun, 04 Dec 2016 01:58 PM (IST)Updated: Sun, 04 Dec 2016 02:00 PM (IST)
‘आधार’ आधारित लेनदेन का सिस्टम 30 जून 2017 तक तैयार करें बैंक: आरबीआई

नई दिल्ली (जागरण ब्यूरो)। नकदी के बजाय कैशलेस लेनदेन को बढ़ावा देने के इरादे से सरकार के साथ-साथ भारतीय रिजर्व बैंक भी उपाय करने में जुट गया है। आरबीआइ ने सभी बैंकों से कहा है कि वे 30 जून 2017 तक अपने सभी एटीएम, कार्ड स्वाइप मशीन यानी प्वाइंट ऑफ सर्विस (पीओएस) और दूसरी डिवाइसों में तकनीकी बदलाव करें ताकि कार्डधारकों की पहचान ‘आधार’ के बायोमेटिक डिटेल (अंगूठे के निशान) से हो सके। आरबीआइ ने इस दिशा में बैंकों की सुस्ती को देखते हुए यह निर्देश दिया है।

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आरबीआइ ने बैंकों से इस साल 29 सितंबर को इस संबंध में निर्देश जारी कर यह सुनिश्चित करने को कहा था कि कार्ड के जरिये भुगतान और दूसरे लेनदेन में इस्तेमाल होने वाले एटीएम, पीओएस और दूसरे डिवाइस को ऐसा बनाया जाए कि आधार नंबर और बॉयोमेटिक डिटेल के जरिये उससे लेनदेन हो सके। आरबीआइ ने यह काम एक जनवरी 2017 से शुरू करने को कहा था हालांकि इस दिशा में बैंकों की धीमी प्रगति को देखते हुए नई समय सीमा तय की है।

सूत्रों ने कहा कि फिलहाल आधार के बायोमेटिक तकनीक वाले एटीएम, पीओएस और दूसरे डिवाइसों की आपूर्ति मांग के मुकाबले कम है। यही वजह है कि बैंक इस तरह की नई एटीएम व डिवाइस नहीं खरीद पाए हैं। बैंकों को यह भी कहा गया है कि वे इस तरह की नई डिवाइस खरीदने के साथ ही मौजूदा एटीएम, पीओएस और डिवाइसों में भी तकनीकी बदलाव कर लें। हालांकि इसकी समय सीमा फिलहाल नहीं बतायी गयी है।

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ नवंबर को नोटबंदी का एलान किया था। उन्होंने इस फैसले की वजह काले धन और आतंकी फंडिंग बतायी थी। पुराने नोट बंद होने के बाद बैंकांे में नकदी की किल्लत के मद्देनजर सरकार ने डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने को कई कदम उठाए हैं। इसी दिशा में दो दिन पहले ही यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने भी घोषणा की है कि आने वाले दिनों में ‘आधार’ के माध्यम से ही लेनदेन किए जा सकेंगे।


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