अप्रैल महीने की समीक्षा में ब्याज दरें अपरिवर्तित रख सकता है आरबीआई
RBI के 5 फीसद लक्ष्य के मुकाबले, CPI मुद्रास्फीति फरवरी में 3.7 फीसद पर आ गई
नई दिल्ली: मार्च 2017 की मुद्रास्फीति के आकड़ों के बावजूद भारतीय रिजर्व बैंक यथास्थिति का विकल्प चुन सकता है, जो कि अगले महीने की नीति समीक्षा में लक्षित स्तर से काफी नीचे है। विश्लेषकों की ओर से यह जानकारी सामने आई है।
रेटिंग एजेंसी ईक्रा में प्रबंध निदेशक नरेश टक्कर (Naresh Takkar) ने कहा, “हालांकि, सीपीआई मुद्रास्फीति (उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित) के मार्च 2017 के लक्ष्य को कम करने की संभावना है, हमें अप्रैल 2017 में आगामी नीति समीक्षा में रेपो दर में कटौती की उम्मीद नहीं है। मौद्रिक नीति कमेटी ने दृढ़ता से 4 फीसद के मध्यम अवधि के लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित किया है।”
मुद्रास्फीति को 4 फीसदी तक लाने के अलावा भी एक चुनौती है जिसके बारे में पिछली समीक्षा में आरबीआई के गवर्नर उर्जित पटेल की ओर से भी चेताया गया था। वह तटस्थ नीतिगत रुख था जिसने विशेषज्ञों को भी ऐसा सोचने पर मजबूर कर दिया है।
सिंगापुर के ऋणदाता डीबीएस के विश्लेषकों ने कहा, "फरवरी में आरबीआई के तटस्थ रुख को लेकर आश्चर्य हुआ। अप्रैल में समीक्षा दरें स्थिर रहेंगी।”
आरबीआई के 5 फीसद लक्ष्य के मुकाबले, सीपीआई मुद्रास्फीति फरवरी में 3.7 फीसद पर आ गई। हालांकि, इसके आगे बढ़ने की उम्मीद है। आरबीआई के लिए मध्यम अवधि का लक्ष्य मुद्रास्फीति को 4 फीसद के स्तर तक ले जाना है।