कोऑपरेटिव बैंक्स में हुए घपलों से RBI अनजान, आरटीआई में हुआ खुलासा
आरबीआई ने माना है कि उसके पास कोऑपरेटिव बैंक में किसी भी घपले के बारे में कोई जानकारी नहीं है।
नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक आरबीआई ने स्वीकार किया है कि उसके पास कोऑपरेटिव बैंक में किसी अनियमितता या स्कैम के संदर्भ में कोई डेटा नहीं है, जो यह बतलाता हो कि बैंक के जरिए 500 और 1000 रुपए के पुराने नोटों की अदला-बदली की गई थी। सोमवार को एक आरटीआई के जवाब में यह जानकारी सामने आई है।
जाने माने आरटीआई एक्टिविस्ट अनिल गलगाली ने आरटीआई के जरिए जानकारी मांगी थी कि 8 नवंबर 2016 से 10 नवंबर 2016 तक कोऑपरेटिव बैंक की ओर से हुई अनियमितताओं की जानकारी दी जाए। गलगली ने बताया कि आरबीआई पास ऐसा कोई आंकड़े नहीं है जो राज्य या जिला सहकारी बैंकों में नोट बदलने में हुए घोटालों के उसके खुद के निष्कर्ष को सही ठहराता हो।
गौरतलब है कि नोटबंदी के 6 दिनों बाद ही सरकार ने अपने फैसले को पलटते हुए राज्य और जिला सहकारी बैंकों से रुपए बदलने पर रोक लगा दी थी। राज्य और जिला सहकारी बैंकों और उसके अधिकारियों पर बड़े पैमाने में मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल होने के आरोपों के बाद ऐसा किया गया था।
सरकार के इस फैसले का असर लाखों किसानों और ग्रामीण और कस्बों में रहने वाले ऐसे लोगों पर पड़ा था जो बैंकिंग के लिए सहकारी बैंकों पर निर्भर थे। इस मामले पर काफी राजनीतिक विवाद भी देखने को मिला था। गलगली ने बताया कि उन्होंने सहकारी बैंकों पर बीजेपी के नेताओं की तरफ से लगाए गए आरोपों की हकीकत जानने के लिए तथ्यों की मांग की थी।