नोटबंदी के बाद RBI की पहली पॉलिसी, नीतिगत दरों में कटौती के अलावा इन बातों पर होगी नजर
आरबीआई क्रेडिट पॉलिसी समीक्षा में आज बाजार की नजर निश्चित तौर पर नीतिगत दरों में की जाने वाली कटौती पर होगी
नई दिल्ली। आरबीआई क्रेडिट पॉलिसी समीक्षा में आज बाजार की नजर निश्चित तौर पर नीतिगत दरों में की जाने वाली कटौती पर होगी। उम्मीद लगाई जा रही है कि आरबीआई नीतिगत दरों में चौथाई से आधे फीसदी की कटौती कर सकता है, जिससे सस्ते कर्ज की राह खुलेगी। लेकिन इसके इतर कुछ ऐसे महत्वपूर्ण बिंदु होंगे जिनपर आरबीआई की टिप्पणी बाजार की दृष्टि से बेहद अहम होगी।
विशेषज्ञ का नजरिया
बाजार विशेषज्ञ अरुण केजरीवाल के मुताबिक अगर आरबीआई की ओर से रेपो रेट में आधे फीसदी की कटौती की जाती है तो निश्चित तौर पर बाजार में तेजी देखने को मिल सकती है। चौथाई फीसदी कटौती को बाजार पचा चुका है और बीते दो दिनों में आई तेजी इसी का परिणाम है। केजरीवाल के मुताबिक बाजार की दृष्टि से क्रेडिट पॉलिसी समीक्षा नीतिगत दरों में कटौती के साथ साथ नकदी की समस्या पर आरबीआई का बयान और जीडीपी ग्रोथ और महंगाई पर आरबीआई अनुमान के लिहाज से महत्वपूर्ण है।
1- जीडीपी ग्रोथ अनुमान
नोटबंदी के फैसले के बाद तमाम रेटिंग एजेंसियों की ओर से जीडीपी ग्रोथ में कमी की आशंका जताई गई है। मसलन एम्बिट कैपिटल की ओर से यह अनुमान लगाया गया है कि जीडीपी ग्रोथ रेट में 3.3 फीसदी तक की गिरावट देखने को मिल सकती है, जिसकी रिकवरी में 3 से 5 महीने का वक्त लगेगा। वहीं एचएसबीसी, इकरा और केयर रेटिंग्स जैसी एजेंसियों का मानना है कि ग्रोथ रेट में 0.3 से 0.5 फीसदी तक की कमी देखने को मिल सकती है। ऐसे में आज होने वाली मौद्रिक समीक्षा बैठक में आरबीआई की ओर से ग्रोथ रेट पर की जाने वाली टिप्पणी अहम होगी।
2- महंगाई का अनुमान
जीडीपी ग्रोथ के बाद यह जानना भी जरूरी होगा कि आरबीआई आने वाले महीनों में महंगाई दर के बढ़ने या घटने का क्या अनुमान लगा रही है। रबी सीजन से ठीक पहले आरबीआई का यह अनुमान अहम होगा। साथ ही नकदी की समस्या से जूझ रही अर्थव्यवस्था का महंगाई पर कितना असर पड़ेगा।
3- नकदी की समस्या से कब राहत?
नोटबंदी के फैसले के बाद से गहराई नकदी की समस्या आने वाले कितने दिनों में खत्म होगी इस पर आरबीआई का बयान महत्वपूर्ण होगा। बैंकों में नकदी की कमी, एटीएम पर लगी लंबी लाइनें इस बात का संकेत हैं कि जितनी नकदी की जरूरत है उतनी लोगों के हाथ में नहीं आ रही है। ऐसे में आरबीआई इस समस्या से निपटने के लिए आगे क्या कदम उठाएगी और यह दिक्कत आने वाले कितने दिनों में खत्म हो जाएगी बाजार निश्चित तौर पर आरबीआई की ओर से इस पर सफाई चाहेगा।