Move to Jagran APP

फोर्ब्स: दुनिया के बेहतर बिजनेस माइंडेड लोगों की सूची में रतन टाटा शामिल, दो अन्य भारतीयों को भी मिली जगह

फोर्ब्स ने 100 महानतम कारोबारी दिमागों की सूची जारी की है जिसमें रतन टाटा समेत तीन भारतीयों के नाम शामिल हैं

By Praveen DwivediEdited By: Published: Wed, 20 Sep 2017 03:44 PM (IST)Updated: Wed, 20 Sep 2017 03:44 PM (IST)
फोर्ब्स: दुनिया के बेहतर बिजनेस माइंडेड लोगों की सूची में रतन टाटा शामिल, दो अन्य भारतीयों को भी मिली जगह
फोर्ब्स: दुनिया के बेहतर बिजनेस माइंडेड लोगों की सूची में रतन टाटा शामिल, दो अन्य भारतीयों को भी मिली जगह

नई दिल्ली (जेएनएन)। फोर्ब्स की ओर से जारी किए गए 100 महानतम कारोबारी दिमागों की सूची में तीन भारतीयों को शामिल किया गया है। इसमें नमक से लेकर सॉफ्टवेयर तक तैयार करने वाली कंपनी टाटा के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा, दुनिया की सबसे बड़ी स्टील निर्माता कंपनी आर्सेलर मित्तल के सीईओ और चेयरमैन लक्ष्मी मित्तल और वीसी फर्म खोसला वेंचर के संस्थापक विनोद खोसला शामिल हैं। इन तीन भारतीयों के अलावा इस लिस्ट में अमेजन के जेफ बेजोस, फेसबुक के मॉर्क जुकरबर्ग, बर्कशायर हैथवे के वारेन बफेट, माइक्रोसॉफ्ट के बिल गेट्स, मोहम्मद युनूस, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनॉल्ड ट्रंप और मसायोशी सोन (जापान के बिजनेसमैन) शामिल हैं।

loksabha election banner

रतन टाटा: रतन टाटा टाटा ग्रुप के अवकाशप्राप्त (सेवामुक्त) चेयरमैन हैं। उनकी देखरेख में ही साल 2011-12 के दौरान कंपनी के रेवेन्यू ने 100 बिलियन डॉलर का आंकड़ा छुआ था। कॉर्नेल विश्वविद्यालय और हार्वर्ड बिजनेस स्कूल के एक पूर्व छात्र रतन टाटा को भारत के दूसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार- पद्म विभूषण से भी नवाजा जा चुका है।

विनोद खोसला: भारतीय मूल के अमेरिकी बिजनेसमैन और इंजीनियर विनोद खोसला सन माइक्रोसिस्टम के को-फाउंडर रहे हैं। इसे जावा प्रोग्रामिंग लैंग्वेज तैयार करने का श्रेय दिया जाता है। हालांकि इस कंपनी का साल 2010 में ओराकल ने अधिग्रहण कर लिया था। उनके वेंचर ने एकेडेमिया डॉट एडु (Academia.edu), बॉयोकन्सोर्टिया (BioConsortia) और चेकर्स समेत तमाम कंपनियों में निवेश किया है। फोब्स के मुताबिक उनकी नेट वर्थ 1.82 बिलियन डॉलर है।

लक्ष्मी मित्तल: लक्ष्मी मित्तल स्टीड इंडस्ट्री में एक बड़ा नाम है और वो दुनिया में मुकेश अंबानी के बाद दूसरे सबसे अमीर भारतीय हैं। उनकी देखरेख में ही कंपनी मुश्किल दौर से बाहर निकलकर आई और उसने ऐसे समय में 1.8 बिलियन का मुनाफा दर्ज कराया जब दुनिया में स्टील का ज्यादा उत्पादन हो रहा था। साल 2015 के दौरान कंपनी को 7.9 बिलियन डॉलर का घाटा भी सहन करना पड़ा था। इनकी नेट वर्थ (फोर्ब्स के मुताबिक) 16.5 बिलियन डॉलर की है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.