राजन ने डिप्टी गवर्नर का पद लेने से कर दिया था इन्कार
RBI के पूर्व गवर्नर वाईवी रेड्डी ने अपनी आत्मकथा ‘एडवाइस एंड डिसेंट : माई लाइफ इन पब्लिक सर्विस’ में बताया कि रघुराम राजन को एक समय RBI के डिप्टी गवर्नर के पद की पेशकश की गई थी
नई दिल्ली (जेएनएन)। जाने-माने अर्थशास्त्री रघुराम राजन को एक समय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर के पद की पेशकश की गई थी। यह और बात है कि तब उन्होंने पद लेने से मना कर दिया था। इसके एक दशक बाद उन्होंने बतौर गवर्नर केंद्रीय बैंक की कमान अपने हाथों में ली।
आरबीआइ के पूर्व गवर्नर वाईवी रेड्डी ने अपनी आत्मकथा ‘एडवाइस एंड डिसेंट : माई लाइफ इन पब्लिक सर्विस’ में इसका जिक्र किया है। रेड्डी ने लिखा है, ‘जब अक्टूबर 2004 में राकेश मोहन आर्थिक मामलों के सचिव बन गए तो हमें उनके उत्तराधिकारी की तलाश थी। उस वक्त मैंने रघुराम राजन से बतौर डिप्टी गवर्नर जुड़ने के लिए अनुरोध किया था। मुंबई में वह मुझसे मिलने आए थे। राजन इस प्रस्ताव पर विचार करने के लिए तैयार भी हो गए थे।
हालांकि, अमेरिका जाकर उन्होंने इससे मना कर दिया।’ रेड्डी आगे लिखते हैं कि उन्होंने राजन को समझाया कि केंद्रीय बैंक को उनके जैसे ही किसी शख्स की तलाश है ताकि देश लंबे समय में उनकी बहुमूल्य सेवाओं का लाभ उठा सके। एक तरह से रेड्डी ने संकेत ही दे दिया था कि एक दिन राजन आरबीआइ गवर्नर बन सकते हैं।
लॉकर से आपका कीमती सामान चोरी होने पर बैंक जिम्मेदार नहीं होगा: आरबीआई
आरटीआई के जरिए सामने आए एक जवाब की मानें तो लॉकर्स में रखे समान के चोरी होने की सूरत में आप बैंक से मुआवजा/हरजाना नहीं मांग पाएंगे। जल्द ही आप सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के लॉकर्स (सुरक्षित जमा बक्से) में कीमती सामान की चोरी के लिए किसी भी मुआवजे की अपेक्षा नहीं रख पाएंगे क्योंकि लॉकर हायरिंग एग्रीमेंट उन्हें सभी दायित्वों से मुक्ति दिलाता है। यह जानकारी आरबीआई और 19 सरकारी बैंक की ओर से दिए गए आरटीआई के एक जवाब के जरिए सामने आई है।