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तिमाही नतीजों, फेडरल रिजर्व से तय होगी बाजार की चाल

इस हफ्ते बाजार की दिशा को कंपनियों के तिमाही नतीजे प्रभावित कर सकते हैं

By Praveen DwivediEdited By: Published: Mon, 24 Jul 2017 12:23 PM (IST)Updated: Mon, 24 Jul 2017 12:23 PM (IST)
तिमाही नतीजों, फेडरल रिजर्व से तय होगी बाजार की चाल
तिमाही नतीजों, फेडरल रिजर्व से तय होगी बाजार की चाल

नई दिल्ली (पीटीआई)। कंपनियों के तिमाही परिणाम और अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक इस हफ्ते बाजार की दिशा तय करेंगे। विशेषज्ञों ने यह राय जताई है। ट्रेड स्मार्ट ऑनलाइन के संस्थापक निदेशक विजय सिंघानिया ने कहा कि इस सप्ताह आइसीआइसीआइ बैंक, एचसीएल टेक, मारुति, ओएनजीसी, हीरो मोटोकॉर्प और डॉ. रेड्डीज जैसी वजनदार कंपनियों के तिमाही नतीजे आने हैं।

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ग्लोबल मोर्चे पर अमेरिकी फेडरल रिजर्व बुधवार को नीतिगत ब्याज दर पर अपने निर्णय की घोषणा करेगा। इनका बाजार की कारोबारी धारणा पर असर पड़ेगा। आम्रपाली आद्या ट्रेडिंग एंड इंवेस्टमेंट्स के डायरेक्टर व रिसर्च हेड अबनीश कुमार सुधांशु ने बताया कि यह सप्ताह काफी उठापटक भरा हो सकता है। कई ब्लूचिप कंपनियों के तिमाही नतीजे इस हफ्ते आने हैं। सैमको सिक्योरिटीज के सीईओ जिमित मोदी ने कहा कि बाजार में तेजी बनी हुई है। विदेशी बाजारों में किसी प्रतिकूल घटना का घरेलू बाजार की कारोबारी धारणा पर भी असर पड़ सकता है।

अमेरिकी फेडरल रिजर्व की 25-26 जुलाई को बैठक होनी है। इस पर निवेशकों की नजर रहेगी। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च हेड विनोद नायर बोले कि वर्तमान में निवेशक सकारात्मक व्यापक आर्थिक आंकड़ों को तरजीह दे रहे हैं। इसने बाजार में उत्साह बना रखा है। हालांकि, अमेरिकी फेड पॉलिसी, ओपेक की बैठक और तिमाही नतीजों से निकट भविष्य में उठापटक देखी जा सकती है।

बाजार की तेजी में बैलेंस्ड फंड चमके: दलाल स्ट्रीट में बराबर तेजी बने रहने से बैंलेस्ड फंडों पर दांव लगाने वाले फंड हाउस उत्साहित हैं। कुल फंड फ्लो के मामले में यह सेगमेंट सबसे तेजी से बढ़ने वाला है। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया के आंकड़ों के अनुसार, बैलेंस्ड फंडों में जून के दौरान मासिक आधार पर 7,458 करोड़ रुपये का इनफ्लो हुआ। इनके एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) दोगुने हो गए।

म्यूचुअल फंड फोलियो ऊंचाई पर: निवेशकों में म्यूचुअल फंडों को लेकर दिलचस्पी बढ़ी है। पिछले साल के मुकाबले जून, 2017 में फोलियो की संख्या 93 लाख से ज्यादा बढ़कर रिकॉर्ड 5.82 करोड़ पर पहुंच गई। खुदरा निवेशकों की हिस्सेदारी बढ़ने से ऐसा हुआ। बाजार नियामक सेबी के ताजा आंकड़ों में यह बात कही गई है।


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