सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को बीते वित्त वर्ष हुआ 18,000 करोड़ का घाटा
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को बीते वित्त वर्ष (16) में 17,993 करोड़ का शुद्ध घाटा (नेट लॉस) हुआ है।
नई दिल्ली: सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को बीते वित्त वर्ष (16) में 17,993 करोड़ का शुद्ध घाटा (नेट लॉस) हुआ है। यह जानकारी सरकारी डेटा के जरिए सामने आई है। लोकसभा में पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए वित्त राज्य मंत्री संतोष गंगवार ने डेटा पेश करते हुए बताया कि सार्वजनिक क्षेत्र के कुल 28 बैंकों को सामूहिक रुप से वित्त वर्ष 2015-16 में 17,993 करोड़ का नेट लॉस हुआ है।
इन 28 बैंकों में 14 बैंकों ने 2015-16 के वित्त वर्ष में शुद्ध घाटा दर्ज कराया है जबकि अन्य को मुनाफा हुआ है। जो बैंक घाटे में रहे उनमे से बैंक ऑफ इंडिया की हिस्सेदारी 6,089 करोड़ के घाटे के साथ सबसे ज्यादा है। इसके बाद बैंक ऑफ बड़ौदा (5,396 करोड़ का घाटा), पंजाब नेशनल बैंक (3,974 करोड़ का घाटा), आईडीबीआई बैंक (3,665 करोड़ का घाटा), ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (2,897 करोड़ रुपए का घाटा), यूको बैंक (2,799 करोड़ का घाटा), सिंडीकेटे बैंक (1,643 करोड़ा का घाटा) और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (1,418 करोड़ का घाटा) का नंबर आता है।
गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) का ऊंचा स्तर और भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से उप मानक आस्तियों के लिए अधिक प्रावधान बनाना बैंकों के बड़े घाटे का मुख्य कारण रहे। हालांकि बैंकों ने कर्ज वसूली के लिए कई सुधारात्मक उपाय किए हैं और उन्हें अगली कुछ तिमाहियों में मुनाफा कमाने की उम्मीद है।