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भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर: सुरेश प्रभु

सुरेश प्रभु ने कहा कि सरकार जीडीपी में मैन्युफैक्चरिंग की हिस्सेदारी को बढ़ाना चाहती है

By Praveen DwivediEdited By: Published: Thu, 30 Nov 2017 04:48 PM (IST)Updated: Thu, 30 Nov 2017 05:08 PM (IST)
भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर: सुरेश प्रभु
भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर: सुरेश प्रभु

नई दिल्ली (पीटीआई)। भारत अगले कुछ वर्षों में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए तैयार है। यह बात केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु ने कही है। उन्होंने आगे कहा कि सरकार एसएमई की मदद से मैन्युफैक्चरिंग को जीडीपी के 20 फीसद के बराबर ले जाना चाहती है। प्रभु ने कहा कि हमारे पास जो रणनीति है उसके जरिए हम आर्थिक विकास लाना चाहते हैं और चाहते हैं कि जीडीपी में मैन्युफैक्चरिंग का कम से कम 20 फीसद हिस्सा हो।

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उन्होंने कहा, “तो आप कल्पना कर सकते हैं कि हमारी जीडीपी अगले कुछ सालों में 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर होगी और इसमें से 1 मिलियन अमेरिकी डॉलर से ज्यादा की हिस्सेदारी मैन्युफैक्चरिंग और इससे जुड़े क्षेत्रों की होगी। हम छोटे और मध्यम उद्यमों (एसएमई) से इसे प्राप्त करना चाहते हैं।” उन्होंने कहा कि इसीलिए सरकार वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं और पहचान एवं अवसरों का हिस्सा बनने की दिशा में काम कर रही है। प्रभु ने कहा, “इस प्रक्रिया में हम अफ्रीका के अपने दोस्तों और अन्य विकासशील देशों के सहयोग को लेकर बहुत खुश होंगे।”

अगले 10 साल में 6 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बन सकता है भारत: मॉर्गन स्टैनले

भारत अगले 10 सालों में 6 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर (6 खरब डॉलर या 393 खरब रुपए) वाली अर्थव्यवस्था बन सकता है, जो कि दुनिया में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगी। इसमें सबसे बड़ा योगदान डिजिटलाइजेशन का होगा। यह दावा मॉर्गन स्टैनले की एक रिपोर्ट में किया गया है।

वैश्विक ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टेनली के मुताबिक आने वाले दशक में भारत का डिजिटलीकरण अभियान जीडीपी वृद्धि दर में 50 से 75 आधार अंकों की वृद्धि ला देगा। मॉर्गन स्टैनली के अनुसंधान (भारत) के प्रमुख रिद्धम देसाई ने पत्रकारों से कहा, “हमें उम्मीद है कि डिजिटलीकरण जीडीपी की वृद्धि दर को 0.5-0.75 फीसद तक बढ़ा देगा। हमारा पूर्वानुमान है कि 2026-27 तक भारत की अर्थव्यवस्था 6 खरब डॉलर की ओर बढ़ेगी और उच्च मध्यम आय की स्थिति हासिल कर लेगी। आने वाले दशक में भारत की वास्तविक और सांकेतिक जीडीपी की सालाना वृद्धि दर क्रमश: 7.1 फीसद और 11.2 फीसद हो जाएगी।”


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