नोटबंदी के बाद देश में क्रेडिट कार्ड के बजाए डेबिट कार्ड बने ग्राहकों की पहली पसंद
देश में नोटबंदी लागू होने के बाद ग्राहकों ने डेबिट कार्ड का इस्तेमाल बढ़ाया
नई दिल्ली। केंद्र सरकार की ओर से लिए गए नोटबंदी के फैसले के बाद डेबिट कार्ड के इस्तेमाल में काफी तेजी देखने को मिली है। भुगतान के मामले में डेबिट कार्ड ने प्रथम विकल्प के तौर पर क्रेडिट कार्ड को पीछे छोड़ दिया है। बीते वर्ष अक्टूबर तक, कुल कार्ड खर्च में से करीब 42 फीसद डेबिट कार्ड के जरिए था। नोटबंदी लागू होने के बाद यह आंकड़ा 60 फीसद तक उछल गया। गौरतलब है कि देश में सरकार की ओर से 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी की घोषणा की गई थी।
यह बदलाव मुख्य तौर पर सार्वजनिक क्षेत्र के छोटे कर्जदाता जैसे ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और पंजाब एंड सिंध बैंक के कारण आया है, जहां पर कार्ड का इस्तेमाल 5 गुना तक बढ़ गया है। डेबिट कार्ड के जरिए किए जाने वाले लेन-देन में अक्टूबर 2016 से दिसंबर तक तीन गुना तक इजाफा देखा गया है। जबकि यही लेनदेन जनवरी के महीने में अक्टूबर की तुलना में घटकर दो गुना रह गया था। हालांकि पेमेंट कंपनियों के अनुसार वे डेबिट कार्ड को यूटिलिटी बिल, पेट्रोल के बिल और ट्रैवल बुकिंग के भुगतान के लिए बढ़ावा दे रहे हैं।
बीते वर्ष अक्टूबर में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने 61.7 करोड़ डेबिट कार्ड जारी किए थे, जिनके जरिए 10,893 करोड़ रुपये का लेने देन हुआ था। वहीं, दूसरी ओर निजी और विदेशी बैंकों ने 11,048 करोड़ रुपये का लेन देन दर्ज किया था, जहां उन्होंने केवल 12.25 करोड़ डेबिट कार्ड ही जारी किए थे। इसमें नोटबंदी के बाद बदलाव देखा गया था।
इस वर्ष जनवरी में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने डेबिट कार्ड के जरिए, 19,664 करोड़ रुपये के निजी बैंकों की ओर से किए गए लेनदेन की तुलना में 29339 कोरड़ रुपये का लेनदेन दर्ज कराया है। नोटबंदी से पूर्व अक्टूबर 2016 में हर 100 डेबिट कार्डधारक की ओर एक महीने में 19 ट्रांजेक्शन किये जा रहे थे। यह आंकड़ा दिसंबर में उछलकर 54 हो गया था, जो कि जनवरी 2017 तक गिरकर 40 रह गया था।
बैंकर्स का कहना है कि अगर डेबिट कार्डधारक अपने कार्ड को औसतन महीने में एक बार भी इस्तेमाल करें तो डेबिट कार्ड से किया जाने वाले ट्रांजेक्शन का हिस्सा 80 फीसद से पार कर जाएगा। माना जा रहा है कि छोटे शहरों में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ग्राहक डेबिट कार्ड के इस्तेमाल को बढ़ावा दे सकते हैं। नैशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) के अधिकारी का कहना है कि मेट्रो शहरों में क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल ज्यादा है और यह बढ़ भी रहा है। यदि ग्राहक को विकल्प दिया जाए तो वह रिवार्ड के चक्कर डेबिट कार्ड की तुलना में क्रेडिट कार्ड का चयन करेगा। लेकिन छोटे शहरों की बात की जाए तो ग्राहकों के पास पेमेंट के लिए डेबिट कार्ड ही एकमात्र जरिया है।