किसानों को उपज का बेहतर मूल्य दिलाने को नीति जरूरी
नीति आयोग का कहना है कि किसानों को उनकी उपज का बेहतर मूल्य दिलाने के लिए कुछ बेहतर नीतियों की आवश्यकता है।
हैदराबाद (पीटीआई)। नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पानगड़िया ने किसानों को उनकी उपज का बेहतर मूल्य दिलाने के लिए समुचित नीतियां बनाने की जरूरत हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कृषि आय पर टैक्स लगाने का कोई सवाल नहीं उठता है।
उन्होंने कहा कि हमारे पास ऐसी नीतियां होनी चाहिए जिससे किसानों को बेहतर मूल्य दिलाना सुनिश्चत किया जा सके। इसकी दिशा में केंद्र सरकार की ओर से नीति आयोग राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम कर रहा है। नीति आयोग प्रयास कर रहा है कि कृषि उपजों की बेहतर मार्केटिंग सुनिश्चित हो।
यहां स्वर्ण भारत ट्रस्ट की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में पानगड़िया ने कहा कि यह काम इस तरह होना चाहिए कि किसानों को अच्छा मूल्य प्राप्त हो। हमें मौजूदा नीतियों में इस तरह बदलाव करना चाहिए जिससे कृषि उपज के मूल्य का उचित हिस्सा किसान को मिल सके। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2022 तक कृषि आय दोगुनी करने का वायदा किया है। सरकार इसके लिए तकनीक और मूल्य के मोर्चे पर सुधार कर रही है।
नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने कहा कि हमें कृषि क्षेत्र की उत्पादकता बढ़ाने की जरूरत है। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए सरकार नीतियां बना रही है जिससे तेज विकास हो और हमारे मजदूरों को ज्यादा मजदूरी मिल सके। सरकार राजस्व बढ़ने पर सामाजिक कार्यक्रम भी चला सकती है। नीति आयोग के सदस्य विवेक देबराय द्वारा कृषि आय पर टैक्स लगाने की वकालत किये जाने पर उन्होंने कहा कि इस तरह का कदम उठाने का कोई सवाल नहीं है। गांवों की बड़ी आबादी अपनी रोजी-रोटी के लिए कृषि क्षेत्र पर निर्भर है।
उन्होंने कहा कि अगर आप देश की गरीबी पर गौर करें, किसी भी पैमाने पर गांवों के 80 फीसद गरीब लोग खेती पर ही निर्भर हैं। ऐसे में कृषि पर टैक्स लगाने का कोई सवाल कैसे उठ सकता है। गौरतलब है कि देबराय ने सुझाव दिया था कि कृषि आय पर टैक्स लगाने का सुझाव दिया था। इसके तुरंत बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली और नीति आयोग ने तुरंत इस पर स्पष्टीकरण दिया कि केंद्र सरकार के पास कृषि आय पर टैक्स लगाने का संवैधानिक अधिकार ही नहीं है।