Move to Jagran APP

सात और सार्वजनिक उपक्रम बंद करने की तैयारी

नीति आयोग सात बीमार पीएसयू को बंद करने की सिफारिश वाला एक नया कैबिनेट नोट तैयार कर रहा है।

By Praveen DwivediEdited By: Published: Wed, 29 Mar 2017 11:55 AM (IST)Updated: Wed, 29 Mar 2017 03:50 PM (IST)
सात और सार्वजनिक उपक्रम बंद करने की तैयारी
सात और सार्वजनिक उपक्रम बंद करने की तैयारी

नई दिल्ली: नीति आयोग सात बीमार सार्वजनिक उपक्रमों (पीएसयू) को बंद करने की सिफारिश वाला एक नया कैबिनेट नोट तैयार कर रहा है। इन पीएसयू के बढ़ते घाटे की बीमारी का यही इलाज ढूंढा गया है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने यह जानकारी दी।

loksabha election banner

सरकार ने बीमार हो रहे सार्वजनिक उपक्रमों के लिए रोडमैप तैयार करने का जिम्मा नीति आयोग को सौंपा है। आयोग ने इससे पहले 26 बीमार पीएसयू को बंद करने के लिए चिह्नित किया था। इनमें से सात को बंद करने की आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) से मंजूरी मिल चुकी है। इन केंद्रीय पीएसयू में हिंदुस्तान केबल, टायर कॉरपोरेशन, एचएमटी वॉचेज, बर्डस जूट एंड एक्सपोर्ट लिमिटेड (बीजेडईएल) और सेंट्रल इनलैंड वॉटर ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन भी शामिल हैं। इस अधिकारी ने कहा कि ताजा सूची में शामिल सरकारी कंपनियां सीसीईए की ओर से बंद करने की मंजूरी पा चुके पीएसयू के अलावा हैं। इसके साथ ही आयोग ने पांच केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रम लिक्विडेशन के लिए चिह्नित किए हैं। इन उपक्रमों का न तो पुनरुद्धार संभव है और न ही इन्हें बेचा जा सकता है। आयोग ने तीसरे चरण में 12 और पीएसयू की रणनीतिक बिक्री का सुझाव दिया है। इनमें नेशनल टेक्सटाइल कॉरपोरेशन, हिंदुस्तान एंटीबायोटिक्स, स्कूटर्स इंडिया लिमिटेड और हिंदुस्तान फ्लोरोकार्बन्स शामिल हैं।

बीते साल नीति आयोग ने दो चरणों में 15 सार्वजनिक उपक्रमों की रणनीतिक बिक्री की सिफारिश की थी। इनमें नेशनल मिनरल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन की एक और स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) की तीन यूनिटें शुमार हैं। आम बजट में अगले वित्त वर्ष के लिए सरकार ने विनिवेश के जरिये 72,500 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है। इसमें से 15,000 करोड़ रुपये की राशि रणनीतिक बिक्री के जरिये सरकारी खजाने में आएगी। सरकार को चालू वित्त वर्ष 2016-17 में विनिवेश के माध्यम से 45,000 करोड़ रुपये जुटाए जाने की उम्मीद है। वैसे, केंद्र अभी तक अपने विनिवेश प्रोग्राम के जरिये 30,000 करोड़ रुपये का ही इंतजाम कर पाया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.