स्टील आपूर्ति के लिए सेल के एकाधिकार को खत्म करने की तैयारी, निजी क्षेत्रों से डील के लिए खुल सकते हैं दरवाजे
भारतीय रेलवे मानक रेल पटरियों के लिए इस्पात की आपूर्ति पर सरकारी स्वामित्व वाली सेल के एकाधिकार को समाप्त करने पर विचार कर रही है।
नई दिल्ली: भारतीय रेलवे मानक रेल पटरियों के लिए इस्पात की आपूर्ति पर सरकारी स्वामित्व वाली स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) के एकाधिकार को समाप्त करने पर विचार कर रही है। सरकार अब 700 मिलियन डॉलर तक की वार्षिक खरीदारी के लिए निजी क्षेत्रों के लिए दरवाजे खोलने की तैयारी में है। यह जानकारी इस मामले से जुड़े एक व्यक्ति ने एक न्यूज एजेंसी को दी है।
पुराने रेल ट्रैक और लगातार कम होती क्षमताओं से निपटने के लिए मंत्रालय ने रेलवे के आधुनिकीकरण के लिए 130 अरब डॉलर का निवेश करने की योजना तैयार की है। साथ ही भारत सरकार ने सुरक्षा के स्तर को सुधारने के लिए भी 15 अरब डॉलर का बजट तय किया है। बीते सप्ताह रेल मंत्रालय की ओर से संसद में दी गई जानकारी के मुताबिक पिछले दो सालों में रेल हादसों में करीब 25 फीसद का इजाफा हुआ है।
पटरियों में कमी से अटक रहा रेलवे में सुधार:
रेल की कमी ने नेटवर्क को सुधारने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजनाओं को धीमा कर दिया है। रेलवे में सुधार का काम पटरियों की कमी के चलते पिछड़ता दिखा है। मौजूदा वित्त वर्ष में सेल को 8,50,000 स्टील की सप्लाइ रेलवे को करनी थी, इसमें से वह महज 2,50,000 टन की ही आपूर्ति कर पाया। कंपनी के डेटा के मुताबिक बीते 10 सालों में यह 8वां मौका है, जब कंपनी निश्चित लक्ष्य के अनुसार आपूर्ति नहीं कर सकी है।
क्या कहा सेल ने:
सेल के एक एग्जिक्यूटिव ने बताया कि साल 2015 के बाद से स्टील की मांग में अचानक 45 फीसद का इजाफा हुआ है। पुरानी पटरियों को बदलने और नई को बिछाने में रेलवे को स्टील की कमी का सामना करना पड़ रहा है। रेलवे को की जाने वाली बिक्री में से सेल को यदि गिरावट का सामना करना पड़ता है तो यह लगातार 7 तिमाही से गिरावट झेल रही कंपनी के लिए यह बड़ा झटका होगा। आपको बता दें कि रेलवे सेल का सबसे बड़ा ग्राहक है।