महंगा हो सकता है पेट्रोल और डीजल, जानिए कारण
ओपेक की ओर से अगले महीने क्रूड का उत्पादन घटाने के फैसले के बाद अब पेट्रोल और डीजल के दाम 5 से 8 फीसदी तक उछल सकते हैं
नई दिल्ली: तेल उत्पादक देशों के संगठन (ओपेक) की ओर से अगले महीने क्रूड का उत्पादन घटाने के फैसले के बाद अब पेट्रोल और डीजल के दाम 5 से 8 फीसदी तक उछल सकते हैं। यह इजाफा अगले तीन से चार महीनों में हो सकता है। यह बात क्रिसिल की एक रिपोर्ट में कही गई है।
क्रिसिल की रिपोर्ट में क्या कहा गया:
क्रिसिल की रिपोर्ट में कहा गया है कि पेट्रोल के दाम 5 से 8 फीसदी तक बढ़ सकते हैं तो वहीं अगले तीन से चार महीनों में डीजल के दामों में 6 से 8 फीसदी तक का इजाफा हो सकता है। यह कच्चे तेल में अगले महीने से होने वाली कटौती का परिणाम है।
इजाफे के बाद क्या होंगे दाम:
मुंबई में मौजूदा समय में पेट्रोल के दाम 72 रुपए है। अगर मार्च 2017 तक ब्रेंट क्रूड की कीमत अगर 50 से 55 डॉलर प्रति बैरल रही तो पेट्रोल की कीमत 75 रुपए प्रति लीटर तक जा सकती है। वहीं डीजल जिसका मौजूदा भाव 60 है वह 64 रुपए प्रति लीटर के स्तर पर पहुंच सकता है। वहीं क्रिसिल ने यह भी अनुमान लगाया है कि अगर कहीं ब्रेंट क्रूड ऑयल 60 डॉलर प्रति डॉलर तक पहुंचता है तो पेट्रोल की कीमत 80 और डीजल की कीमत 68 रुपए प्रति लीटर तक जा सकती है। बीते 30 नवंबर को हुई ओपेक (तेल उत्पादक देश) देशों की बैठक में क्रूड प्रोडक्शन में कटौती पर सहमति बनी थी। ओपेक ने क्रूड प्रोडक्शन में 12 लाख बैरल प्रतिदिन की कटौती करने का फैसला किया है। जनवरी से ओपेक देश रोजाना 3.25 लाख करोड़ बैरल प्रोडक्शन करेंगे। अभी यह लिमिट 3.37 लाख करोड़ बैरल है।
तय हुईं प्रोडक्शन लिमिट:
ऑर्गनाइजेशन ऑफ द पेट्रोलियम एक्सपोर्टिंग कंट्रीज (ओपेक) की मीटिंग में सऊदी अरब के लिए क्रूड उत्पादन की सीमा घटाकर 1 करोड़ बैरल और ईरान के लिए 37.97 लाख बैरल प्रतिदिन कर दी है। इंडोनेशिया चूंकि ओपेक से बाहर हो गया है, जिसके चलते उसके हिस्से का कोटा बाकी सदस्य देशों में बांट दिया गया है।