Move to Jagran APP

एम बैंकिंग की भी शिकायतें सुनेगा लोकपाल

लोकपाल 20 लाख तक राशि संलिप्त होने पर शिकायतें सुन सकेगा और वह ग्राहक को परेशानी पर एक लाख रुपये तक मुआवजे का आदेश दे सकते हैं।

By Praveen DwivediEdited By: Published: Sat, 24 Jun 2017 01:24 PM (IST)Updated: Sat, 24 Jun 2017 06:19 PM (IST)
एम बैंकिंग की भी शिकायतें सुनेगा लोकपाल
एम बैंकिंग की भी शिकायतें सुनेगा लोकपाल

नई दिल्ली (जेएनएन)। भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकिंग लोकपाल योजनाओं का दायरा बढ़ाते हुए मोबाइल बैंकिंग और मिस सेलिंग की शिकायतों को इसमें शामिल कर दिया है। बैंकिंग लोकपाल शिकायतें सुनकर एक लाख रुपये तक के मुआवजे का आदेश दे सकेंगे। संशोधित स्कीम के तहत ग्राहक एक जुलाई से ये शिकायतें लोकपाल में कर सकेंगे।

loksabha election banner

रिजर्व बैंक ने एक बयान जारी करके शुक्रवार को जानकारी दी कि बैंकिंग लोकपाल योजना 2006 में संशोधन करके इसका दिया गया है। इंश्योरेंस, म्यूचुअल फंड, और थर्ड पार्टी निवेश के उत्पाद बैंकों द्वारा बेचे जाते हैं तो सेवाओं में कमी और गलतबयानी की शिकायतें लोकपाल के समक्ष रखी जा सकेंगी। संशोधित स्कीम के तहत देश में मोबाइल बैंकिंग व इंटरनेट बैंकिंग सेवाओं के संबंध में आरबीआइ के निर्देशों का उल्लंघन होने पर ग्राहक लोकपाल के यहां शिकायत कर सकेंगे।

संशोधन के बाद स्कीम के तहत लोकपाल 20 लाख रुपये तक राशि संलिप्त होने पर शिकायतें सुन सकेगा। अभी वह दस लाख रुपये तक की शिकायतें सुन सकते था। वे ग्राहक को परेशानी के लिए एक लाख रुपये तक मुआवजे का आदेश दे सकते हैं। गौरतलब है कि बैंकिंग लोकपाल के कार्यालय ज्यादातर राज्यों की राजधानियों में मौजूद हैं। वे अपने कार्यक्षेत्र के ग्राहकों की शिकायतें सुन सकते हैं।

कतारी रियाल के एक्सचेंज पर कोई रोक नहीं

भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा है कि उसने देश में कतारी रियाल (कतर की मुद्रा) के एक्सचेंज पर प्रतिबंध लगाने का कोई निर्देश जारी नहीं किया है। कुछ अधिकृत डीलरों और चेंजरों द्वारा कतर की करेंसी स्वीकार न किये जाने की रिपोर्ट मिलने के बाद आरबीआइ ने यह स्पष्टीकरण जारी किया है। उसने एक अधिसूचना में कहा है कि कतारी रियाल पर कोई रोक नहीं लगाई गई है। विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के तहत आरबीआइ कारोबारियों को विदेशी मुद्रा के लेनदेन के लिए अधिकृत डीलर बनाता है। आतंकी फंडिंग के आरोपों के चलते सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन, मिस्न समेत कई देशों ने कतर के साथ अपने संबंध तोड़ लिये हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.