जीएसटी की नई दरों से खुदरा महंगाई में हो सकती है 20 बेसिस प्वाइंट की कटौती: नोमुरा
बीते दो दिनों में जारी हुए WPI और CPI के आंकड़ों ने अक्टूबर महीने के दौरान आम आदमी को राहत नहीं दी है
नई दिल्ली (पीटीआई)। 200 से अधिक वस्तुओं पर जीएसटी की दरें कम करना महंगाई दर के लिहाज से फायदेमंद साबित हो सकता है। माना जा रहा है कि यह कदम रिटेल महंगाई (खुदरा महंगाई) को उसके मौजूदा स्तर से 20 बेसिस प्वाइंट नीचे लाने में मददगार साबित हो सकता है। यह अनुमान वैश्विक वित्तीय सेवा प्रदाता कंपनी नोमुरा की एक रिपोर्ट में लगाया गया है। गौरतलब है कि महंगे खाद्य उत्पादों विशेषकर के सब्जियों की महंगाई के कारण रिटेल और सीपीआई आधारित महंगाई दर अक्टूबर महीने में 3.58 फीसद पर पहुंच गई।
नोमुरा की इस रिपोर्ट के मुताबिक जीएसटी दरों को लेकर केंद्र सरकार की ओर से लिया गया हालिया फैसला जिसमें 213 उत्पादों (178 रोजमर्रा के इस्तेमाल की चीजें) पर टैक्स की दरों में संशोधन किया गया है वह खुदरा महंगाई दर को 20 बेसिस प्वाइंट (0.2 फीसद) नीचे ला सकता है।
नोमुरा के मुताबिक, “सरकार को उम्मीद है कि ये प्रयास महंगाई को कम करने वाले हो सकते हैं। हमारा विश्लेषण कहता है कि अगर जीएसटी की नई दरों का फायदा पूरी तरह से ग्राहकों तक पहुंचाया जाता है तो वो खुदरा महंगाई दर में 20 बेसिस प्वाइंट की कटौती कर सकती हैं। यह पेय पदार्थों (चॉकलेट, गाढ़ा दूध और मछली), घरेलू सामान (डिटर्जेंट, सेनेटरी वेयर और कांच के बने पदार्थ) और निजी उपभोग के सामानों (शेविंग उत्पाद, शैंपू और सौंदर्य प्रसाधन) की कीमतों से प्रेरित होगा।”
गौरतलब है कि जीएसटी काउंसिल ने गुवाहाटी में हुई 23वीं बैठक में 213 वस्तुओं पर मौजूदा टैक्स की दरों में संशोधन किया था। सबसे बड़ी राहत 28 फीसद के टैक्स ब्रैकेट में आने वाले सामानों पर दी गई, जहां पर 178 वस्तुओं को 18 फीसद के स्लैब में ला दिया गया।