नोटबंदी और जीएसटी का आर्थिक विकास दर पर विपरीत असर पड़ रहा है: मनमोहन सिंह
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने नोटबंदी और जीएसटी की आलोचना की है
नई दिल्ली (जेएनएन)। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने एक बार फिर नोटबंदी पर निशाने पर लिया है। उन्होंने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लागू करने में हुई जल्दबाजी के खिलाफ भी चेताया है। उनका कहना है कि इन दोनों कदमों से आर्थिक विकास दर पर विपरीत असर पड़ रहा है। मनमोहन ने पहले भी चेतावनी दी थी कि नोटबंदी से आर्थिक विकास दर में दो फीसद तक की गिरावट आएगी।
एक साक्षात्कार में मनमोहन सिंह ने कहा, ‘नोटबंदी और जीएसटी से सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) पर प्रभाव पड़ा है। चलन में मौजूद 86 फीसद एकदम से वापस लेने और जल्दबाजी में जीएसटी लागू करने के कारण अब कुछ परेशानियां सामने आ रही हैं। इन दोनों से असंगठित क्षेत्रों व छोटे कारोबारियों को दिक्कत हुई है। इन क्षेत्रों का देश के जीडीपी में 40 फीसद का योगदान है। भारत में 90 फीसद रोजगार असंगठित क्षेत्रों में है।’
सरकार ने पिछले साल आठ नवंबर को 500 रुपये और 1000 रुपये के नोट बंद करने की घोषणा की थी। इसके करीब दो हफ्ते बाद ही 25 नवंबर को संसद में पूर्व प्रधानमंत्री ने नोटबंदी को ‘ऐतिहासिक कुप्रबंधन’ और ‘संगठित लूट’ करार दिया था। मनमोहन ने चेतावनी दी थी कि इससे जीडीपी में दो फीसद तक की गिरावट आएगी। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में आर्थिक विकास दर तीन साल के निचले स्तर 5.7 फीसद पर रही थी। एक साल पहले यह इसी अवधि में 7.9 फीसद थी। जनवरी-मार्च, 2017 की तिमाही में जीडीपी पिछले साल के 8.0 फीसद की तुलना में 6.1 फीसद रही थी। सरकार का कहना है कि जीडीपी में गिरावट की मुख्य वजह जीएसटी लागू होने से पहले की डी-स्टॉकिंग रही। एक जुलाई को जीएसटी लागू होने से पहले ज्यादातर व्यवसायियों ने अपना पुराना माल निकाला, इससे उत्पादन रुका रहा और विकास दर में गिरावट आई।
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