भारतीय आईटी सेक्टर में अगले दो सालों तक जाती रहेंगी लोगों की नौकरियां: विशेषज्ञ
विशेषज्ञों के मुताबिक भारतीय आईटी सेक्टर में अगले दो सालों तक इसी तरह नौकरियां जाती रहेंगी।
नई दिल्ली (पीटीआई)। डिजिटलीकरण और ऑटोमेशन अब एक नई सामान्य सी बात हो गई है। भारतीय आईटी सेक्टर की दिग्गज कंपनियां इन्फोसिस, कॉग्निजेंट और टेक महिंद्रा में बड़े स्तर पर लोगों को नौकरी से निकाला जा रहा है। एक्सपर्ट्स की मानें तो दिग्गज कंपनियों का ऐसा रुख अगले एक और दो और साल तक दिख सकता है।
परफार्मेंस अप्रेजल प्रोसेस के रूप में हजारों कर्मचारियों को पिंक स्लिप थमाई जा रही है। अगर आसान शब्दों में समझें तो उन्हें नौकरी से निकाला जा रहा है। लेकिन दुनिया के लक्षित बाजारों में बढ़ती संरक्षवाद की प्रवृत्ति के मद्देनजर यह लागत नियंत्रण के प्रयास का हिस्सा है, क्योंकि इससे कंपनियों के मुनाफे पर सीधा असर पड़ रहा है। अमेरिका, सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जैसे देशों में कड़ी कार्य परमिट व्यवस्था की वजह से भारतीय साफ्टवेयर निर्यातक विशेष रूप से प्रभावित हुए हैं।
ऑर्टिफिशयल इंटेलिजेंस (एआई) में नई प्रौद्योगिकी, ऑटोमेशन और क्लाउड कंप्यूटिंग की वजह से कंपनियों अब कोई कार्य कम श्रमबल से कर सकती हैं। इसकी वजह से सॉफ्टवेयर कंपनियों को अपनी रणनीति पर नए सिरे से विचार करना पड़ रहा है। टीमलीज सर्विसेज की कार्यकारी उपाध्यक्ष एवं सह संस्थापक रितुपर्णा चक्रवर्ती ने कहा, यह ऐसी स्थिति है जबकि उपलब्ध प्रतिभाएं समय के हिसाब में खुद में बदलाव नहीं ला पाईं। इस वजह से कई कर्मचारी आज बेकार हो गए हैं।
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