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1000 से 32000 तक सेंसेक्स के सफर पर एक नजर

शुक्रवार के कारोबार में सेंसेक्स-निफ्टी ने अपना ऑल टाइम हाई छुआ

By Praveen DwivediEdited By: Published: Thu, 13 Jul 2017 01:23 PM (IST)Updated: Thu, 13 Jul 2017 01:23 PM (IST)
1000 से 32000 तक सेंसेक्स के सफर पर एक नजर
1000 से 32000 तक सेंसेक्स के सफर पर एक नजर

नई दिल्ली (जेएनएन)। हफ्ते के आखिरी कारोबारी सत्र में भारतीय शेयर बाजार ने 32000 का स्तर पार कर लिया है। वहीं, निफ्टी पहली बार 9850 के स्तर के पार खुला है। आपको बता दें कि इससे पहले 26 मई के कारोबार में सेंसेक्स 31000 के जादुई आकड़े को पार किया था। इससे पहले अपने 31 वर्ष के सफर में सेंसेक्स ने 2 बार 30000 के स्तर को पार किया है। इससे पहले मार्च 2015 और 5 अप्रैल 2017 को सेंसेक्स ने 30 हजार के स्तर को पार किया था। सेंसेक्स का संबंध जिस बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) से है, प्रेमचंद रॉयचंद ने 1875 में उसकी स्थापना की थी और फिर 1957 में इसे भारत सरकार की मान्यता मिली थी। इसके बाद 1 जनवरी 1986 को यह आधिकारिक तौर पर बीएसई इंडेक्स (सेंसेक्स) बना था।

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देश की अर्थव्यवस्था, राजनीति और बड़ी-बड़ी घटनाओं दुर्घटनाओं से प्रभावित होने वाला यह संवेदनशील सूचकांक शेयर बाजार के दिल की धड़कन की तरह है। इसकी तेजी-मंदी सभी शेयर कारोबारियों के सुख-दुख पर असर डालती है।

1000 से 31000 तक का सुहाना सफर

  • 25 जुलाई 1990 को सेंसेक्स पहली बार चार अंकों में पहुंचा और 1,001 पर बंद हुआ था।
  • 11 अक्टूबर 1999 को शेयर बाजार ने 5,000 का स्तर छुआ।
  • 6 फरवरी 2006 को पहली बार शेयर बाजार 10,000 तक पहुंचा।
  • 6 जुलाई 2007 को 15,000 अंक के स्तर पर बंद हुआ था बीएसई।
  • 11 दिसंबर 2007 को 20,000 पर पहुंच गया था सेंसेक्स।
  • 16 मई 2014 को सेंसेक्स पहली बार 25,000 के स्तर पर पहुंचा।
  • मार्च 2015 में पहली बार 30 हजार के स्तर को छूआ। अब दूसरी बार यहां तक उछाल नजर आया।

सेंसेक्स का अब तक का सफर बहुत रोमांचक रहा है। कपिल देव की टीम विश्वकप जीतकर लाई तो पूरे देश के साथ शेयर बाजार ने भी खूब जश्न मनाया, वहीं कोई त्रासदी हुई तो दलाल स्ट्रीट में भी मातम मना।

एक नजर शेयर बाजार के इसी सफर पर -

  • 1981 – BSE सेंसेक्स 173 के स्तर पर था।
  • 1983 – टीम इंडिया ने विश्वकप जीता तो सेंसेक्स ने भी 212 का स्तर छूते हुए जश्न मनाया।
  • 1984 – देश को इंदिरा गांधी की हत्या और भोपाल गैस त्रासदी का झटका लगा तो शेयर बाजार भी गिरकर 245 अंक पर आ गया।
  • 1989 – आम चुनावों के बाद कांग्रेस ने बाहरी समर्थन से सरकार बनाई, तो 714 अंक पर पहुंच गया।
  • 1991 – राजीव गांधी की हत्या के समय शेयर बाजार 1168 अंक पर था।
  • 1992 – डॉ. मनमोहन सिंह का ड्रीम बजट रास आया और हर्षद मेहता कांड के बावजूद बाजार में 4285 के स्तर पर खरीदी-बिक्री हुई।
  • 1993 – मुंबई बम धमाकों के दौरान बीएसई बिल्डिंग को भी निशाना बनाया गया। इसके बाद भड़के दंगों से सेंसेक्स सहम गया और 2281 अंक के स्तर पर जा पहुंचा।
  • 1996 – NSE के नए ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के साथ स्टॉक मार्केट डिजिटल हुआ तो सेंसेक्स 3367 पर पहुंच गया।
  • 1999 – NDA की सरकार सत्ता में आई और अटलबिहारी पीएम बने तो बाजार 3740 के स्तर पर जा पहुंचा।
  • 2000 –देश में टेक्नोलॉजी बूम आया और पहली बार शेयर बाजार 5000 पार हो गया।
  • 2001 – गुजरात में आए भीषण भूकंप के शेयर बाजार भी थर्रा गया और भारी गिरावट के साथ 3640 पर आ गया।
  • 2004 –वामदलों के समर्थन से यूपीए सरकार का सत्ता में आना बाजार को रास आया और यह 5591 पर पहुंच गया।
  • 2006 –शेयर बाजार में बढ़त के सिलसिला जारी। पहली बार 10,000 पार।
  • 2007 –सालभर के अंदर ही 20,000 पार।
  • 2008 – 21,200 के रिकॉर्ड स्तर को छूआ। कच्चा तेल भी 147 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंचा।
  • 2010 –घोटालों की मार का असर। सत्यम स्कैम, कॉमनवेल्थ घोटाला और टेलिकॉम घोटालों से शेयर बाजार 17,590 तक गिरा।
  • 2013 – रघुराम राजन RBI गवर्नर बनाए गए। बाजार 18,835 के स्तर पर पहुंचा।
  • 2014 – मोदी लहर पर सवार भाजपा ने आम चुनावों में 283 सीटें हासिल की। कुल 330 सीटों के साथ NDA सत्ता में आई तो शेयर बाजार 25,000 के स्तर पर पहुंच गया।
  • 2015– शेयर बाजार ने पहली बार 30 हजार का स्तर छुआ।
  • 2016 – उतार-चढ़ाव जारी। शेयर बाजार में 28,000 के स्तर पर बिजनेस हुआ।
  • 2017– 5 अप्रैल को शेयर बाजार ने एक बार फिर 30 हजार का मुकाम हासिल किया।
  • 2017- 26 मई को शेयर बाजार ने 31000 के आंकड़ें को पार कर लिया है।
  • 2017- 13 जुलाई को शेयर बाजार ने 32000 के आंकड़ें को पार कर लिया है।

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