बेनामी संपत्ति के खिलाफ सरकार की कार्रवाई हुई तेज, छह महीने में जब्त हुई 600 करोड़ की संपत्ति
केंद्र सरकार ने बेनामी संपत्ति पर अपनी कार्यवाही तेज कर दी है
नई दिल्ली (जेएनएन)। नोटबैन के बाद अब केंद्र सरकार ने बेनामी संपत्ति पर अपनी कार्यवाही तेज की है। अपनी इस कार्यवाही के तहत आयकर विभाग ने बीते छह महीनों के दौरान 600 करोड़ से अधिक की बेनामी संपत्ति जब्त की है। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने बीते साल 8 नवंबर को नोटबंदी का फैसला किया था जिसके बाद 500 और 1000 रुपए के पुराने नोट अमान्य कर दिए गए थे।
24 बेनामी निषेध इकाइयों (बीपीयू) का हुआ गठन:
सरकार बेनामी संपत्ति के खिलाफ कार्यवाही को लेकर कितनी सजग है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि आयकर विभाग ने बेनामी संपत्ति रखने वालों के विरुद्ध कार्रवाई तेज करने के लिए देशभर में 24 बेनामी निषेध इकाइयां (बीपीयू) का गठन किया है।
बेनामी संपत्ति कानून नवंबर 2016 को अस्तित्व में आया:
बेनामी लेन-देन (निषेध) संशोधन कानून, 2016 पिछले साल एक नवंबर से प्रभाव में आया है। इसके तहत दोषी को सात साल की जेल और जुर्माना लग सकता है। बेनामी संपत्ति में चल-अचल प्रकार की वह सभी संपत्तियां शामिल हैं जो किसी अन्य व्यक्ति के नाम पर दर्ज हैं जबकि उनका असली मालिक कोई और है।
1400 से अधिक बेनामी सौदे पकड़े:
आयकर विभाग का कहना है कि 23 मई 2017 तक विभाग ने 400 से अधिक बेनामी सौदे पकड़े हैं। साथ ही 240 मामलों में 600 करोड़ रुपये की संपत्ति भी जब्त करने का आदेश जारी किया है। ये मामले कोलकाता, मुंबई, दिल्ली, गुजरात, राजस्थान और मध्य प्रदेश के हैं। इनमें कोलकाता की कई फर्जी कंपनियां भी शामिल हैं जिन्होंने दूसरों के नाम से बेनामी संपत्ति के सौदे किए हैं।
आयकर विभाग ने बेनामी संपत्ति का सबसे रोचक मामला जबलपुर में पकड़ा,जिसमें एक ड्राइवर 7.7 करोड़ रुपये की जमीन का मालिक पाया गया। हालांकि इस जमीन का असली मालिक एक सूचीबद्ध कंपनी थी, जिसमें वह काम करता था। इसी तरह मुंबई में भी एक व्यक्ति ऐसा पकड़ा गया जिसने फर्जी कंपनियां बनाकर कई अचल संपत्ति बना रखी थीं। राजस्थान के सांगानेर में एक ज्वैलर ने अपने एक पूर्व कर्मचारी के नाम नौ अचल संपत्ति कर रखी थीं। वैसे कालेधन और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के प्रयासों के तहत विभाग ने एक महीने में 10 वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के यहां भी छापेमारी की है।