इंफोसिस ने ऑटोमेशन के कारण निकाले 11,000 कर्मचारी
इंफोसिस की 36वीं सालाना आम बैठक शनिवार को आयोजित हुई
नई दिल्ली (जेएनएन)। इंफोसिस ने शनिवार को जानकारी दी है कि कंपनी बोर्ड के प्रमोटर्स के साथ किसी भी तरह के मतभेद नहीं हैं और जो भी समस्या खड़ी हुई है वो मीडिया की देन है। कंपनी की सालाना (36वीं सालाना आम बैठक) आम बैठक शनिवार को आयोजित हुई। इकोनॉमिक टाइम्स में प्रकाशित खबर के जरिए यह जानकारी सामने आई है। हम अपनी इस खबर के माध्यम से बैठक की प्रमुख हलचलों के बारे में बता रहे हैं....
प्रमुख कर्मचारियों को मुआवजा: अपनी सालाना आम बैठक में कंपनी के प्रवक्ता ने जानकारी दी कि आईटी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी इस बात से पूरी तरह अवगत है कि शीर्ष प्रबंधन और कर्मचारियों के बीच मुआवजा की खाई चौड़ी हो गई है। प्रवक्ता ने माना कि मुआवजे पर कंपनी का संचार और बेहतर हो सकता था। उन्होंने कहा कि इसका समाधान करने के लिए स्टॉक बेस्ड रिवार्ड के आधार पर मुआवजे को पुर्नगठित किया गया है। यहां नीचे इंफोसिस के प्रमुख व्यक्तियों का पारिश्रमिक दिया गया है...
बढ़ता संरक्षणवाद (Rising protectionism): शेयरधारकों को लिखे अपने पत्र में सीईओ विशाल सिक्का ने लिखा है कि वित्त वर्ष 2017 में कुछ चुनौतियां सामने आई हैं जैसे कि बढ़ता संरक्षणवाद और कमोडिटीकरण को तेज करना, ग्राहक की अपेक्षाओं को बढ़ाना और नई प्रतिस्पर्धा इत्यादि।
सिक्का ने कहा, “आंतरिक रूप से, हमारे परामर्श व्यवसाय में स्थिरता लाने और हमारे वित्तीय एवं बीपीओ व्यवसायों में वृद्धि के लिए हमारे पास चुनौतियां थीं। लेकिन इन सब के बीच तेज विकास के साथ हमने अपने दीर्घकालीन मिशन पर ध्यान केंद्रित करने की दिशा में काम किया है और हमने सॉफ्टवेयर सेवाएं प्रदान करने, नई सेवाओं की मांग पर कब्जा करने और मुख्य सेवाओं को नवीनीकृत करने के लिए सही बर्ताव दिखाया है। यह एक मिशन है जिसका उद्देश्य सभी हितधारकों को अनुकूल और लाभप्रद वृद्धि का फायदा पहुंचाना है।”
ऑटोमेशन का असर: कंपनी ने जानकारी दी कि ऑटोमेशन के कारण ही करीब 11,000 लोगों को नौकरी से निकाला गया है। कंपनी ने बता. कि पूर्णकालिक कर्मचारी (FTE) में राजस्व 1.2 फीसद की वृद्धि हुई है क्योंकि यह ऑटोमेशन के साथ ही उपयोग और उत्पादकता में सुधार का परिणाम है। कंपनी की ओर से दी गई जानकारी में कहा गया है कि यह एक स्पष्ट प्रदर्शन है कि सॉफ्टवेयर हमारे व्यवसाय मॉडल में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
प्रमोटरों के साथ कोई मतभेद नहीं: कंपनी ने बताया संस्थापकों (फाउंडर) के साथ बोर्ड के संबंध मीडिया की गलत रिपोर्ट्स से जुड़ा मसला है। कंपनी के कार्यकारी चेयरमैन आर शेषशायी ने बताया कि जब संस्थापकों की ओर से टिप्पणियां की गईं तो इन्हें गंभीरतापूर्वर और सम्मानपूर्वक स्वीकार किया गया। उन्होंने कहा कि कार्यकारी नेतृत्व का मुआवजा प्रशासन पर हावी था।
कैश बैलेंस: आईटी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी ने बताया कि उसके पास 12,222 करोड़ की नकदी है और यह 31 मार्च 2017 की नकदी के बराबर ही है। जानकारी के मुताबिक वित्त वर्ष 2016 के अंत तक कंपनी के पास 24,276 करोड़ रुपए की नकदी थी। वहीं 31 मार्च तक संस्थानों के साथ जमा राशि 6,931 करोड़ रुपए थी जो बीते वर्ष की समान अवधि के दौरान 4,900 करोड़ रुपए थी।
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