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विदेश से लौटकर देश की सेवा करें भारतीय प्रतिभाएं: मुकेश

मुखिया मुकेश अंबानी ने कहा है कि यह सबसे उचित समय है जब हमारे कुशल प्रतिभाशाली लोगों को विदेश से लौटकर मातृभूमि की सेवा करनी चाहिए।

By Praveen DwivediEdited By: Published: Sun, 19 Mar 2017 12:17 PM (IST)Updated: Sun, 19 Mar 2017 12:20 PM (IST)
विदेश से लौटकर देश की सेवा करें भारतीय प्रतिभाएं: मुकेश
विदेश से लौटकर देश की सेवा करें भारतीय प्रतिभाएं: मुकेश

मुंबई: रिलायंस इंडस्ट्रीज के मुखिया मुकेश अंबानी ने कुछ दिन पहले ही अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की संरक्षणवादी नीतियों को भारत के लिए ढंके-छुपे रूप में वरदान बताया था। अब उन्होंने कहा है कि यह सबसे उचित समय है जब हमारे कुशल प्रतिभाशाली लोगों को विदेश से लौटकर मातृभूमि की सेवा करनी चाहिए। यहां एक कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे अंबानी बोले, “यह सबसे बेहतर समय है जब हमारी बेहतरीन प्रतिभाओं को लौटकर भारत और भारतीयों के फायदे के लिए काम करना चाहिए।”

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दिग्गज उद्योगपति से जब यह पूछा गया कि क्या उन्हें विदेश से भारत की ओर वापस प्रतिभापलायन की संभावना दिखती है तो उन्होंने तुरंत जवाब दिया, “कोई शक नहीं।” देश के सबसे दौलतमंद व्यक्ति ने इस मामले में कहा, “जो भी वजह हो उन्हें इस देश में वापस लाया जाना चाहिए। वे इस देश के 1.30 अरब लोगों के जीवन को सुधारने में मदद कर सकते हैं। विकास का नया मॉडल रख सकते हैं। बदली परिस्थितियों में इससे बेहतर और कुछ नहीं हो सकता है।” अंबानी ने बताया कि रिलायंस इंडस्ट्रीज को कई ऐसे भारतीय मिले जिन्होंने बाद में दूसरे देशों में नेतृत्व की भूमिका निभाई। रिलायंस को इस तरह की दो से तीन प्रतिभाएं हर महीने मिलती हैं। आने वाले समय में और ज्यादा प्रतिभाएं हमारे दरवाजे पर दस्तक देंगी। आखिर “हर एक का दिल है हिंदुस्तानी।” लोग भारत के लिए कुछ करना चाहते हैं। बीते महीने नैस्कॉम के वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए अंबानी ने कहा था कि एच1बी वीजा की संख्या सीमित करने जैसी ट्रंप प्रशासन की संरक्षणवादी नीतियां देश के लिए वरदान साबित हो सकती हैं। घरेलू आइटी कंपनियां अब घर की समस्याओं के समाधान की ओर ध्यान दे सकती हैं, जो खुद भी बहुत बड़ा बाजार है।

ऐसा पीएम मिलना सौभाग्य की बात
अंबानी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि तकनीक को समझने वाला नेता मिलना खुशनसीबी की बात है। साथ ही यह भी सौभाग्य का विषय है कि हम मुक्त बाजार वाले देश हैं। उन्होंने तब का एक किस्सा सुनाया जब बराक ओबामा अमेरिकी राष्ट्रपति थे। रात के भोजन पर बैठक के दौरान मोदी पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ यही चर्चा करते रहे कि कैसे दुनिया की समस्याओं का समाधान टेक्नोलॉजी से निकल सकता है।
डिजिटलीकरण का होगा विस्तार
अंबानी ने कहा कि हाल में सरकार की नोटबंदी की पहल से डिजिटलीकरण का विस्तार होगा। नकदी आधारित होने के बजाय भारत कम कैश वाली अर्थव्यवस्था की दिशा में आगे बढ़ेगा।

कीप इन इंडिया लांच हो

दिग्गज उद्योगपति ने सरकार से डाटा सुरक्षा के लिए ‘कीप इन इंडिया’ अभियान चलाने की अपील की है। अंबानी ने कहा है कि घरेलू स्तर पर उत्पन्न होने वाले डाटा को देश के भीतर बनाए रखने की जरूरत है बजाय इसके कि उसे बाहर जाने दिया जाए। इससे प्रतिभा, टेक्नोलॉजी इत्यादि का प्रवाह देश के भीतर ही होगा।

पत्नी के साथ शिक्षक बनने की जताई इच्छा

शिक्षण में अपनी रुचि व्यक्त करते हुए मुकेश अंबानी बोले कि आने वाले दिनों में वह पत्नी नीता के साथ शिक्षा के क्षेत्र में उतरेंगे। जब तक पिता उन्हें रिलायंस में लेकर नहीं आए थे, तब तक वह आश्वस्त थे कि उन्हें अमेरिकी विश्वविद्यालय में पढ़ाई करनी है। उम्मीद थी कि वह या तो विश्व बैंक के लिए काम करेंगे या एक प्रोफेसर के रूप में छात्रों को पढ़ाएंगे। उन्होंने आगे कहा, ‘टीचर होने के नाते मेरी पत्नी अब मुझसे कह रही हैं कि यह सही समय है कि मैं शिक्षण से जुड़ जाऊं।’


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