भारतीय छात्रों से लेकर इंजीनियर्स तक, ट्रंप के एच-1बी वीजा ऑर्डर को लेकर ढेरों अनिश्चितताएं
एच1बी वीजा प्रक्रिया में बदलाव के अमेरिकी प्रशासन के आदेश के बाद भारतीय छात्रों और इंजीनियरों के मन में काफी अनिश्चितताएं बढ़ गई है।
नई दिल्ली (रॉयटर्स)। ग्रिस्मा के लिए जो कि एक भारतीय सॉफ्टवेयर डिजायनर हैं, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का एक नया फरमान भारी पड़ गया है, जिसमें कहा गया है कि यूएस के वीजा प्रोग्राम में बदलाव किया जाएगा जिसके बाद सिर्फ बहुत ज्यादा स्किल्ड वर्कर ही इसके लिए आवेदन कर पाएंगे।
दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने हाल ही में यूरोप से मास्टर डिग्री हासिल की है और उन्हें एक जानी-मानी प्रसिद्ध अमेरिकी डिजाइन फर्म से रोजगार की पेशकश भी की गई है। उनके मन में भी हर इंडियन आईटी वर्कर की ही तरह एक सपना था, अमेरिका में नौकरी मिलने का ड्रीम जॉब। वो एच1बी वीजा पाने के लिए हरी लाइट के इंतजार में कतार में ही थीं लेकिन उन्हें अचानक एक झटका लगता है। ग्रिस्मा का कहना है कि सभी जांच के साथ आवेदन करने के लिए यह एक अजीब समय है। उन्होंने वीजा मिलने की संभावनाओं के चलते डर के मारे सिर्फ अपना पहला नाम ही दिया था।
संयुक्त राज्य अमेरिका ने पहले से ही आवेदकों के लिए "शीघ्र संसाधन विकल्प (expedited processing option)" को निलंबित कर दिया है, जिसके तहत वो हफ्ते भर के भीतर वीजा प्राप्त कर सकती थीं। और विस्तृत रुप से समीक्षा को लेकर जारी अनिश्चितता ने ग्रिस्मा जैसे कई और लोगों को असमंजस में डाल दिया है। उन्हें अब अपने भाग्य को जानने के लिए कम से कम अगस्त तक इंतजार करना होगा। लेकिन अमेरिका से जॉब ऑफर स्वीकार करने के बाद उनके सामने एक मुश्किल और है कि वो अब इस स्थिति में भी नहीं है कि वो इसी पोजीशन के लिए कहीं और अप्लाई कर पाएं, यहां तक कि यूरोप में भी कहीं पर भी नहीं।
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